अंतरिम जमानत मिलने पर केजरीवाल तिहाड़ जेल से बाहर आए, लेकिन फाइल पर हस्ताक्षर नहीं कर सकेंगे

अंतरिम जमानत मिलने पर केजरीवाल तिहाड़ जेल से बाहर आए, लेकिन फाइल पर हस्ताक्षर नहीं कर सकेंगे

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  • Publish Date - May 10, 2024 / 09:44 PM IST,
    Updated On - May 10, 2024 / 09:44 PM IST

नयी दिल्ली, 10 मई (भाषा) दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल धन शोधन के एक मामले में उच्चतम न्यायालय से अंतरिम जमानत मिलने के बाद शुक्रवार शाम तिहाड़ जेल से बाहर आ गए और वह अब लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार कर सकेंगे।

शीर्ष अदालत के इस फैसले से केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (आप) को काफी राहत मिली है, जो अपने शीर्ष नेता की अनुपस्थिति में चुनाव प्रचार अभियान को रफ्तार देने के लिए संघर्ष करती नजर आ रही थी।

हालांकि, न्यायालय ने उन्हें अपने कार्यालय या दिल्ली सचिवालय जाने और सरकारी फाइलों पर हस्ताक्षर करने पर रोक लगा दी, जब तक कि उपराज्यपाल की मंजूरी के लिए ऐसा पूरी तरह जरूरी नहीं हो।

कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में 50 दिन की हिरासत के बाद, लोकसभा चुनाव के शेष चरण के लिए प्रचार के वास्ते केजरीवाल को 21 दिन के लिए रिहा करते हुए न्यायालय ने कहा कि वह दो जून को आत्मसमर्पण करेंगे।

लोकसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण का मतदान एक जून को होना है। मतगणना चार जून को होगी। हालांकि, चौथे चरण का मतदान 13 मई को होगा।

आप ने अपने राष्ट्रीय संयोजक को अंतरिम जमानत देने के लिए उच्चतम न्यायालय का शुक्रिया अदा किया।

तिहाड़ जेल से बाहर आने पर उन्होंने मीडिया से कहा, ‘‘हमें देश को तानाशाही से बचाना है, मैं अपनी पूरी ताकत से लड़ूंगा, लेकिन (देश के) 140 करोड़ लोगों के समर्थन की जरूरत है।’’

भगवान हनुमान के प्रति अक्सर अपनी श्रद्धा व्यक्त करने वाले केजरीवाल ने कहा कि यह उनका ही आशीर्वाद है कि वह जेल से बाहर हैं।

भगवान हनुमान के प्रति आप के राष्ट्रीय संयोजक द्वारा अक्सर श्रद्धा व्यक्त करने को कई लोग भाजपा की हिंदुत्व राजनीति की धार कुंद करने के उनके प्रयास के तौर पर देखते हैं।

तिहाड़ जेल के गेट नंबर चार से केजरीवाल के बाहर निकलने पर आप के नेताओं, कार्यकर्ताओं और पार्टी समर्थकों ने उनका जोरदार स्वागत किया। इस दौरान ढोल बजाए गए और नारे भी लगाये गए।

कार की ‘सनरूफ’ से खड़े होकर केजरीवाल ने ‘जेल के ताले टूट गए, केजरीवालजी छूट गए’ के नारों के बीच आप कार्यकर्ताओं और समर्थकों को संबोधित किया।

उन्होंने कहा कि वह शनिवार पूर्वाह्न 11 बजे कनॉट प्लेस स्थित हनुमान मंदिर जाएंगे और अपराह्न एक बजे आप कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करेंगे।

न्यायालय के फैसले पर, ‘इंडिया’ गठबंधन के सहयोगी दलों में भी खुशी देखी गई। आप ने इसे सत्य की जीत बताया।

आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘सत्य परेशान हो सकता है लेकिन पराजित नहीं। माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्णय का स्वागत है। तानाशाही खत्म होगी। सत्यमेव जयते।”

सिंह स्वयं भी धनशोधन मामले में आरोपी हैं और जमानत पर हैं।

हालांकि, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने केजरीवाल की रिहाई को तवज्जो नहीं देने की कोशिश की।

उन्होंने पश्चिम बंगाल के रानीगंज में कहा, ‘‘यह कोई नियमित जमानत नहीं है। यह अंतरिम जमानत है। वह प्रचार कर सकते हैं लेकिन जब भी वह प्रचार करने जाएंगे लोग उन्हें आबकारी घोटाले की याद दिलाएंगे।’’

केजरीवाल की पत्नी सुनीता ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘हनुमान जी की जय। यह लोकतंत्र की जीत है। यह लाखों लोगों की प्रार्थना और आशीर्वाद का परिणाम है। सभी को बहुत-बहुत धन्यवाद।’

केजरीवाल की जेल से रिहाई भले ही अस्थायी हो, लेकिन इससे दिल्ली में ‘आप’ के लोकसभा प्रचार अभियान को मजबूती मिलने की उम्मीद है, जहां 25 मई को मतदान होना है। कांग्रेस के साथ गठबंधन के तहत आप दिल्ली की कुल सात लोकसभा सीट में से चार पर चुनाव लड़ रही है।

पीठ ने केजरीवाल को 50,000 रुपये के जमानती बॉण्ड और इतनी ही राशि का मुचलका जमा कराने का भी निर्देश दिया।

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के वकील की इस दलील को खारिज कर दिया कि चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत पर केजरीवाल को छोड़ने जैसा पहले कोई मामला नहीं देखा गया।

अदालत ने उनकी इस दलील से भी सहमति नहीं जताई कि चुनाव प्रचार के लिए आप के राष्ट्रीय संयोजक को अंतरिम जमानत देना ‘इस देश के आम नागरिकों की तुलना में राजनीतिक नेताओं को लाभकारी स्थिति में प्रमुखता से रखने’ जैसा होगा।

पीठ ने कहा, ‘‘अंतरिम जमानत/रिहाई देने के सवाल की जांच करते समय, अदालतें हमेशा संबंधित व्यक्ति से जुड़ी विशिष्टताओं और आसपास की परिस्थितियों को ध्यान में रखती हैं। वास्तव में, इसे नजरअंदाज करना अन्यायपूर्ण और गलत होगा।’’

पीठ ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि गंभीर आरोप लगाए गए हैं, लेकिन केजरीवाल को अभी तक दोषी नहीं ठहराया गया है, उनका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और वह ‘‘समाज के लिए खतरा नहीं हैं’’।

न्यायालय ने कहा कि इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि उनकी गिरफ्तारी की वैधता को शीर्ष अदालत के समक्ष चुनौती दी गई थी, जिसने अभी तक इस पर अपना अंतिम फैसला नहीं सुनाया है।

पीठ ने कहा कि केजरीवाल का मामला असामान्य नहीं है। उसने कहा कि अंतरिम जमानत देने की शक्ति का प्रयोग आमतौर पर कई मामलों में किया जाता है और प्रत्येक मामले के तथ्यों को ध्यान में रखते हुए अंतरिम जमानत दी जाती है।

न्यायालय ने कहा, ‘‘उपरोक्त कारणों से, हम निर्देश देते हैं कि अपीलकर्ता – अरविंद केजरीवाल को मामले के संबंध में अंतरिम जमानत पर 1 जून, 2024 तक रिहा किया जाएगा, यानी वह 2 जून, 2024 को आत्मसमर्पण करेंगे।’’

पीठ ने कहा, ‘‘वह मुख्यमंत्री कार्यालय और दिल्ली सचिवालय नहीं जाएंगे।”

शीर्ष अदालत ने कहा कि केजरीवाल जमानत पर रहने के दौरान मामले में अपनी भूमिका के संबंध में कोई टिप्पणी नहीं करेंगे और किसी गवाह से बात नहीं करेंगे या मामले से संबंधित किसी फाइल को नहीं देखेंगे।

उसने लोकसभा चुनाव के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, ‘‘लगभग 97 करोड़ मतदाताओं में से 65-70 करोड़ मतदाता अगले पांच वर्षों के लिए इस देश की सरकार चुनने के लिए अपना वोट डालेंगे। आम चुनाव लोकतंत्र को जीवंतता प्रदान करते हैं।’’

पीठ ने यह भी कहा कि ईडी ने यह बात सही कही है कि केजरीवाल उसके नौ नोटिस/ समन के बावजूद पेश नहीं हुए जिसमें से पहला अक्टूबर 2023 में जारी किया गया था।

उसने कहा, ‘‘यह नकारात्मक पहलू है, लेकिन कई अन्य तथ्य हैं जिन पर हमें विचार करना होगा।’’ पीठ ने कहा कि केजरीवाल एक राष्ट्रीय दल के नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं।

पीठ ने कहा कि ईडी की ‘प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट’ (ईसीआईआर) अगस्त 2022 में दर्ज की गई थी जबकि मुख्यमंत्री को इस साल 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केजरीवाल को उच्चतम न्यायालय द्वारा अंतरिम जमानत दिए जाने पर संतोष व्यक्त किया और कहा कि इसका मौजूदा लोकसभा चुनावों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

ममता ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “मुझे यह देखकर बहुत खुशी हुई कि अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत मिल गई है। यह मौजूदा चुनावों के संदर्भ में बहुत मददगार होगा।”

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के अध्यक्ष शरद पवार ने केजरीवाल को अंतरिम जमानत दिए जाने का स्वागत किया और कहा कि देश लोकतंत्र का पालन करने में दृढ़ है।

शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि देश में ‘तानाशाही शासन’ के खिलाफ केजरीवाल को न्याय और राहत मिलना बदलाव की हवा का एक बड़ा संकेत है।

उन्होंने कहा, ”वह सच बोलते रहे हैं और यही बात भाजपा को नापसंद है। उन्हें और विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन को भारत के लिए और अधिक ताकत मिलेगी। हम अपने संविधान और लोकतंत्र की रक्षा करेंगे।”

शीर्ष अदालत मामले में केजरीवाल की गिरफ्तारी को बरकरार रखने के दिल्ली उच्च न्यायालय के पिछले महीने के फैसले को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर सुनवाई कर रही है।

पीठ ने कहा कि केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ उनकी याचिका पर दलीलें अगले सप्ताह जारी रहेंगी और वह 20 मई को ग्रीष्मकालीन अवकाश शुरू होने से पहले याचिका पर फैसला सुनाने का प्रयास करेगी।

यह मामला दिल्ली आबकारी नीति (2021-22) बनाने और उसके क्रियान्वयन में कथित भ्रष्टाचार एवं धन शोधन से संबंधित है। हालांकि, यह नीति अब रद्द की जा चुकी है।

भाषा सुभाष माधव

माधव