‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ से देश की राजनीति में आएगा आमूलचूल परिवर्तन: सुनील बंसल

'एक राष्ट्र एक चुनाव' से देश की राजनीति में आएगा आमूलचूल परिवर्तन: सुनील बंसल

‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ से देश की राजनीति में आएगा आमूलचूल परिवर्तन: सुनील बंसल
Modified Date: August 30, 2025 / 08:07 pm IST
Published Date: August 30, 2025 8:07 pm IST

जयपुर, 30 अगस्त (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय महासचिव सुनील बंसल ने शनिवार को कहा कि ‘एक देश, एक चुनाव’ से देश में सामाजिक, आर्थिक और राजनीति में आमूलचूल परिवर्तन आएगा।

वह यहां छात्रसंघ प्रतिनिधि सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ‘एक देश,एक चुनाव’ से देश में सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक बदलाव तो आएगा ही, साथ में, देश विकास की नई इबारत लिखेगा।

उन्होंने कहा,‘‘देश में 1951-52 से 1967 तक चार आम चुनाव एक साथ करवाए गए। इसके बाद राजनीतिक लाभ के लिए इंदिरा गांधी ने देश की राजनीति में अस्थिरता ला दी।’’

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उन्होंने कहा कि 1995 से 2025 तक 30 साल में हर साल देश में कहीं ना कहीं चुनाव हो रहे हैं, कभी लोकसभा, तो कभी विधानसभा के या फिर कभी पालिका, जिला परिषद या अन्य चुनाव हो रहे हैं।

भाजपा पदाधिकारी ने कहा,‘‘देश के प्रत्येक राज्य में हर साल करीबन 150 से 200 दिन आचार संहिता लगी होने के कारण जनता के विकास कार्य नहीं हो पाते, इतना ही नहीं, देश में कार्य दिवस भी कम हो जाते हैं।’’

बंसल ने कहा कि देश में पांच साल में पांच से सात लाख करोड़ रुपए चुनाव करवाने में खर्च किए जा रहे हैं, ऐसे में अगर एक चुनाव से इसका आधा भी खर्च बचाया जाता है तो देश में विकास को गति मिलेगी।

उन्होंने कहा कि अगर देश के युवा इसे जन आंदोलन बनाकर इसका समर्थन करते है तो यह संशोधन संभव हो पाएगा और हम सभी विकसित भारत की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाएंगे।

भारतीय जनता पार्टी की राजस्थान इकाई के अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि एक साथ चुनाव कराने का विचार आजादी के बाद से ही चला आ रहा है। हालांकि, उन्होंने कहा कि बाद में कांग्रेस की नीतियों के कारण देश को राजनीतिक अस्थिरता का सामना करना पड़ा।

उन्होंने कहा कि यह मुद्दा किसी एक राजनीतिक पार्टी का नहीं है, बल्कि एक राष्ट्र का मुद्दा है।

भाषा पृथ्वी राजकुमार

राजकुमार


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