ओडिशा में केवल 60 से 70 माओवादी सक्रिय, इनमें अधिकतर आंध्र प्रदेश-छत्तीसगढ़ के हैं: बीएसएफ अधिकारी

ओडिशा में केवल 60 से 70 माओवादी सक्रिय, इनमें अधिकतर आंध्र प्रदेश-छत्तीसगढ़ के हैं: बीएसएफ अधिकारी

ओडिशा में केवल 60 से 70 माओवादी सक्रिय, इनमें अधिकतर आंध्र प्रदेश-छत्तीसगढ़ के हैं: बीएसएफ अधिकारी
Modified Date: November 30, 2024 / 10:21 pm IST
Published Date: November 30, 2024 10:21 pm IST

भुवनेश्वर, 30 नवंबर (भाषा) ओडिशा में गत कुछ वर्षों में माओवादी गतिविधियों में काफी कमी आई है और राज्य में प्रतिबंधित संगठन के केवल 60-70 सदस्य ही सक्रिय हैं।

सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।

बीएसएफ की एक दिसंबर को स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर संवाददाताओं को संबोधित करते हुए बल के पुलिस महानिरीक्षक (फ्रंटियर मुख्यालय – विशेष ऑपरेशन) सी.डी. अग्रवाल ने कहा कि ओडिशा में सक्रिय अधिकांश माओवादी पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ से हैं।

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उन्होंने कहा, ‘‘उनमें से केवल सात ओडिशा से हैं और वे किसी भी नेतृत्व की भूमिका में नहीं हैं।’’

केंद्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार, सात जिलों – कालाहांडी, कंधमाल, बोलनगीर, मलकानगिरी, नबरंगपुर, नुआपाड़ा और रायगढ़ा को वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) प्रभावित जिलों के रूप में वर्गीकृत किया गया है, लेकिन माओवादी गतिविधियां ज्यादातर कालाहांडी-कंधमाल-बौध-नयागढ़ (केकेबीएन) क्षेत्र तक ही सीमित हैं।

अग्रवाल ने कहा, ‘‘हालांकि महत्वपूर्ण प्रगति हुई है, लेकिन चुनौतियां अब भी बनी हुई हैं, खासकर कालाहांडी, कंधमाल और बौध के घने जंगलों में, जहां आईईडी का खतरा बना हुआ है। इसके अतिरिक्त, नक्सलियों से जुड़ी मादक पदार्थों की तस्करी, खासकर गांजा की खेती का सामाजिक-आर्थिक प्रभाव नयी बाधाएं खड़ी कर रहा है।’’

उन्होंने कहा कि बीएसएफ को पहली बार ओडिशा में 2010 में तैनात किया गया था जब नक्सली हिंसा चरम पर थी।

अग्रवाल ने कहा, ‘‘बीएसएफ ने कुछ सबसे खतरनाक इलाकों में माओवादी विरोधी अभियान चलाए हैं और 250-300 नक्सलियों को मार गिराया है, हथियार और विस्फोटक बरामद किए हैं तथा कट्टर नक्सलियों को आत्मसमर्पण करने की सुविधा दी गई।’’

उन्होंने कहा,‘‘वर्ष 2024 में तीन खूंखार नक्सलियों को ढेर कर दिया गया और 24 कट्टर नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। इसके अलावा, राज्य में 34 आईईडी, 117 हथगोले और भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद जब्त किया गया।’’

अग्रवाल ने कहा कि बल की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धियों में से एक, पूर्व में अलग-थलग पड़े क्षेत्र को ‘स्वाभिमान अंचल’ में बदलना है।

भाषा धीरज संतोष

संतोष


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