संसद की सुरक्षा में चूक मुद्दे पर विपक्ष का राज्यसभा में हंगामा, कार्यवाही 11.45 बजे तक स्थगित

संसद की सुरक्षा में चूक मुद्दे पर विपक्ष का राज्यसभा में हंगामा, कार्यवाही 11.45 बजे तक स्थगित

संसद की सुरक्षा में चूक मुद्दे पर विपक्ष का राज्यसभा में हंगामा, कार्यवाही 11.45 बजे तक स्थगित
Modified Date: December 20, 2023 / 11:47 am IST
Published Date: December 20, 2023 11:47 am IST

नयी दिल्ली, 20 दिसंबर (भाषा) संसद की सुरक्षा में चूक और सदस्यों के निलंबन जैसे मुद्दों पर विपक्षी दलों के हंगामे के कारण बुधवार को राज्यसभा की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद 11.45 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

दूसरी बार के स्थगन के बाद जैसे ही सदन की कार्यवाही आरंभ हुई, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) सदस्य तिरूचि शिवा ने कुछ ‘बेबुनियाद आरोपों’ का उल्लेख किया और आसन से कहा कि इसे प्रमाणित किया जाना चाहिए।

सभापति जगदीप धनखड़ ने शिवा से कहा कि यदि वे बेबुनियाद आरोपों को लेकर इतने ही सजग हैं तो उन्हें आत्मचिंतन करने की आवश्यकता है।

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सभापति ने विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे से आग्रह किया कि बतौर नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष वह विपक्षी सदस्यों को इस प्रकार का आचरण करने से रोकें।

इसी समय विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरु कर दिया।

खरगे अपनी सीट पर खड़े होकर कुछ कहना चाह रहे थे लेकिन सभापति ने कार्यवाही 11.45 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

हालांकि, उन्होंने नेता प्रतिपक्ष से कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि वह सदन में व्यवस्था बनाएंगे।

इससे पहले, पहली बार के स्थगन के बाद 11.15 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही आरंभ हुई, विपक्षी सदस्यों ने हंगामा आरंभ कर दिया।

सभापति धनखड़ अपनी सीट पर बैठे भी नहीं और उन्होंने कार्यवाही 11.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

उच्च सदन की कार्यवाही आरंभ होने के कुछ ही देर बाद 11 बजकर 15 मिनट तक के लिए स्थगित कर दी गई थी।

सुबह जैसे ही उच्च सदन की कार्यवाही आरंभ हुई, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के एलामरम करीम आसन के निकट आ गए। सभापति धनखड़ ने उन्हें सीट पर लौटने को कहा लेकिन वह वहीं खड़े रहे।

इसी दौरान कांग्रेस के कुछ सदस्य संसद की सुरक्षा में चूक और कुछ सदस्यों के निलंबन के मुद्दे पर नारेबाजी करने लगे। सदन में हंगामे को देखते हुए सभापति ने सदन की कार्यवाही 11.15 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

भाषा ब्रजेन्द्र

ब्रजेन्द्र अविनाश

अविनाश


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