ओपीएस मानवीय आधार पर दिया गया, राजनीतिक लाभ के लिए नहीं: हिमाचल के मुख्यमंत्री

ओपीएस मानवीय आधार पर दिया गया, राजनीतिक लाभ के लिए नहीं: हिमाचल के मुख्यमंत्री

ओपीएस मानवीय आधार पर दिया गया, राजनीतिक लाभ के लिए नहीं: हिमाचल के मुख्यमंत्री
Modified Date: December 4, 2025 / 10:02 pm IST
Published Date: December 4, 2025 10:02 pm IST

धर्मशाला/शिमला, चार दिसंबर (भाषा) हिमाचल प्रदेश में सत्ता में आने के तुरंत बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार के कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) की बहाली का मुद्दा बृहस्पतिवार को विधानसभा में फिर उठा। विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने सरकार पर इस मामले में झूठ बोलने का आरोप लगाया, जबकि मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि यह निर्णय मानवीय आधार पर लिया गया था।

ठाकुर के प्रश्न का उत्तर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ओपीएस लागू होने से राज्य के खजाने पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है, इसके बावजूद सरकार ने 1.36 लाख कर्मचारियों के लिए ओपीएस लागू किया है और यह निर्णय राजनीतिक लाभ के लिए नहीं, बल्कि मानवीय आधार पर लिया गया है, ताकि कर्मचारी सेवानिवृत्ति के बाद सम्मानजनक जीवन जी सकें।

मुख्यमंत्री ने इस फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि इस फैसले के कारण केंद्र सरकार ने हिमाचल की वार्षिक अतिरिक्त उधार सीमा 1600 करोड़ रुपये कम कर दी है, जिससे राज्य की वित्तीय स्थिति खराब हो गई है।

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उन्होंने बताया कि कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद से राज्य में 26,324 कर्मचारी और अधिकारी सेवानिवृत्त हुए हैं, जिनमें से 5,356 को ओपीएस प्रदान किया गया है। उन्होंने बताया कि 2022-23 में 7,053, 2023-24 में 7,217 और 2024-25 में 6,698 कर्मचारी ओपीएस में शामिल होंगे।

ठाकुर ने आरोप लगाया कि प्रश्न का उत्तर आधे-अधूरे मन से दिया गया है, जो सही नहीं है।

उन्होंने पूछा कि क्या सरकार ऐसे अधूरे जवाब देने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा कि ओपीएस गारंटी विधानसभा चुनाव के दौरान राजनीतिक लाभ लेने के लिए दी गई थी।

भाषा शुभम सुरेश

सुरेश


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