Lockdown Return: कोरोना के बाद अब इस रहस्यमयी बीमारी का कहर, बने लॉकडाउन जैसे हालात, इतने लोगों को किया गया क्वारंटीन

जम्मू-कश्मीर के राजौरी में 200 से अधिक लोगों को पृथक-वास केंद्रों में भेजा गया

Lockdown Return: कोरोना के बाद अब इस रहस्यमयी बीमारी का कहर, बने लॉकडाउन जैसे हालात, इतने लोगों को किया गया क्वारंटीन

Lockdown Return. Image Source- IBC24 Archive

Modified Date: January 24, 2025 / 08:41 am IST
Published Date: January 23, 2025 10:09 pm IST

राजौरी/जम्मू: Lockdown Return जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में एक रहस्यमयी बीमारी के चलते जान गंवाने वाले 17 लोगों के परिजनों के संपर्क में आए 200 से अधिक व्यक्तियों को एहतियात के तौर पर पृथक-वास केंद्रों में भेज दिया गया है। एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। अधिकारी के मुताबिक, तीन बहनों समेत चार लोगों को अस्पतालों में स्थानांतरित कर दिया गया है, जबकि तीन अन्य लोगों को हवाई मार्ग से जम्मू के एक अस्पताल ले जाया गया है।

Read More : Firing on Congress Leader: कांग्रेस नेता पर फायरिंग.. हमले में बाल-बाल बचा बेटा, 3 ज्ञात और 12 से ज्यादा अज्ञात बदमाशों पर मामला दर्ज 

Lockdown Return उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के शीर्ष अधिकारियों ने बधाल गांव में एक रहस्यमयी बीमारी की चपेट में आकर दम तोड़ने वाले सभी मरीजों में मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र को नुकसान के रूप में एक समान लक्षण की पहचान की है। नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) नेता और स्थानीय विधायक जावेद इकबाल चौधरी ने रहस्यमयी बीमारी का प्रसार रोकने और लोगों की जान बचाने के लिए क्षेत्र में चिकित्सा आपातकाल घोषित करने की मांग की। चौधरी ने संवाददाताओं से कहा, “मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार को लोगों को बचाने के लिए चिकित्सा आपातकाल लगाने की घोषणा करनी चाहिए।” अधिकारियों के अनुसार, मृतकों के परिजनों के संपर्क में आए 200 से अधिक लोगों को एहतियाती उपाय के रूप में राजौरी के एक नर्सिंग कॉलेज और जीएमसी अस्पताल में स्थापित पृथक-वास केंद्रों में स्थानांतरित कर दिया गया है।

 ⁠

अधिकारियों ने बताया कि पृथक-वास केंद्रों में भेजे गए लोगों में मृतकों के रिश्तेदार, उन्हें अस्पताल ले जाने वाले और उनके जनाजे में शामिल होने वाले हैं। उन्होंने कहा कि इन लोगों को संक्रमण की शृंखला तोड़ने के लिए गांव से दूर पृथक-वास केंद्रों में ले जाया गया है। अधिकारियों के मुताबिक, गुज्जर मंडी स्थित नर्सिंग कॉलेज की इमारत में बुधवार को स्थापित पृथक-वास केंद्र के चारों ओर बाड़ लगाने के साथ ही कड़ी निगरानी व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि पृथक-वास केंद्रों में भर्ती किए जाने से पहले सभी लोगों की स्वास्थ्य जांच की गई। अधिकारियों ने कहा कि रहस्यमयी बीमारी से मौतों के मद्देनजर बधाल गांव को बुधवार को निरुद्ध क्षेत्र घोषित कर दिया गया और वहां सभी निजी और सार्वजनिक आयोजनों के लिए निषेधाज्ञा लागू कर दी गई।

Read More : Road Accident Damoh: बाइक सवार 4 लोग जेसीबी से टकराए, दो की मौत 2 घायल, स्टेडियम के पास हुआ हादसा

उन्होंने बताया कि मजिस्ट्रेट के आदेश पर उन लोगों के घर सील कर दिए गए हैं, जिनके यहां मौतें हुई हैं और परिवार के सदस्यों पर भी बिना अनुमति इन घरों में प्रवेश करने पर रोक लगा दी गई है। अधिकारियों के अनुसार, मृतकों और प्रभावित परिवारों के संपर्क में आए लोगों की स्वास्थ्य स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। इसके अलावा, गांव में सामुदायिक भोज के आयोजन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। बधाल गांव में मोहम्मद फजल, मोहम्मद असलम और मोहम्मद रफीक के परिवार के 13 बच्चों सहित कुल 17 सदस्यों की पिछले डेढ़ महीने में रहस्यमय बीमारी के कारण मौत हो चुकी है। अधिकारियों के मुताबिक, मंगलवार रात हवाई मार्ग से पीजीआई चंडीगढ़ ले जाए गए एजाज की हालत स्थिर है और उसे आपातकालीन आईसीयू में भर्ती किया गया है, जहां उसकी जांच जारी है।

Read More : CG News Live Today: BJP कोर ग्रुप और चुनाव समिति की बैठक आज, सीएम साय होंगे शामिल, आप ने जारी किया प्रत्याशियों का नाम, इधर कांग्रेस इलेक्शन कमेटी की बड़ी बैठक कल, जानें छत्तीसगढ़ की बड़ी खबरें

उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही बीमारी के बारे में कोई स्पष्ट आकलन किया जा सकेगा। अधिकारियों ने बताया कि वायु सेना ने जिन तीन मरीजों को जम्मू के अस्पताल पहुंचाया, उनकी स्वास्थ्य स्थिति पर भी नजर रखी जा रही है। उन्होंने बताया कि एक केंद्रीय टीम तीन परिवारों में हुई 17 मौतों की वजह का पता लगाने की कोशिशों में जुटी है और 230 से अधिक नमूने विभिन्न संस्थानों में परीक्षण के लिए भेजे गए हैं। अधिकारियों के अनुसार, मृतकों के नमूनों में ‘न्यूरोटॉक्सिन’ मिलने की पुष्टि के बाद पुलिस द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने संभावित आपराधिक पहलुओं की जांच शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि घटना के संबंध में 50 से अधिक लोगों से पूछताछ की गई है।


सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

लेखक के बारे में