ट्रैक्टर परेड को प्रभावित करने बनाए गए 300 से अधिक ट्विटर एकाउंट, पाकिस्तान से रची जा रही साजिश

ट्रैक्टर परेड को प्रभावित करने बनाए गए 300 से अधिक ट्विटर एकाउंट, पाकिस्तान से रची जा रही साजिश

  •  
  • Publish Date - January 24, 2021 / 04:26 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:32 PM IST

नयी दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने रविवार को दावा किया कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर किसानों की प्रस्तावित ‘‘ट्रैक्टर परेड’’ को बाधित करने के लिए पाकिस्तान से 300 से अधिक ट्विटर अकाउंट बनाए गए हैं। ट्रैक्टर परेड से संबंधित विस्तृत योजना के संबंध में विशेष पुलिस आयुक्त (खुफिया) दीपेंद्र पाठक ने कहा कि मंगलवार को गणतंत्र दिवस कार्यक्रम के संपन्न होने के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच ट्रैक्टर परेड निकालने दी जाएगी।

Read More: राज्यपाल अनुसुईया उइके राजधानी रायपुर में करेंगी ध्वजारोहण, कोरोना वॉरियर्स को करेंगी सम्मानित

पाठक ने प्रेसवार्ता में कहा, ” किसानों की ट्रैक्टर परेड को बाधित करने के लिए पाकिस्तान से 13 से 18 जनवरी के दौरान 300 से भी अधिक ट्विटर अकाउंट बनाए गए हैं। इस संबंध में विभिन्न एजेंसियों से एक ही तरह की जानकारी प्राप्त हुई है। यह हमारे लिए एक चुनौतीपूर्ण कार्य होगा। हालांकि, गणतंत्र दिवस परेड समाप्त होने के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच ट्रैक्टर परेड निकाली जाएगी।”

Read More: 7 हजार रुपए तक गिर चुकी है सोने की कीमत! निवेश करने के लिए है सुनहरा अवसर

उन्होंने कहा, ” किसान 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड निकालना चाहते हैं ,इसलिए हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि गणतंत्र दिवस समारोह के समाप्त होने के बाद यह परेड निकाली जाएगी। हमनें उन्हें (किसानों को)इसके लिए तीन मार्गों पर करीब 170 किलोमीटर लंबी सड़क दी है।” पुलिस ने कहा कि अवरोधक एवं अन्य सुरक्षा प्रबंधों को हटाकर किसानों को राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। परेड पूरी करने के बाद वे दोबारा अपने स्थानों पर लौटेंगे।

Read More: 25 जनवरी की रैली में शामिल होने हजारों की संख्या में किसान पहुंचे मुंबई, ड्रोन के जरिए हो रही निगरानी

उन्होंने कहा, ” परेड सुगमता पूर्वक निकल सके, इसके लिए हमने हरियाणा और उत्तर प्रदेश पुलिस से बात की है।” पाठक ने कहा, ” 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड निकाली जाएगी और इससे गणतंत्र दिवस समारोह और सुरक्षा प्रबंध में भी कोई बाधा नहीं होगी।” उन्होंने कहा कि इन मार्गों को लेकर विचार विमर्श किया गया है।

Read More: AMU के लिए ऐतिहासिक होगा गणतंत्र दिवस 2021, यूनिवर्सिटी परिसर में गाड़ा जाएगा ’टाइम कैप्सूल’

पुलिस ने कहा कि ट्रैक्टरों की अपेक्षित संख्या को इस तरह से विभाजित किया जाना चाहिए, ताकि परेड शांतिपूर्ण और अनुशासनात्मक तरीके से संपन्न हो सके। साथ ही परेड के दौरान पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम किए जाएंगे। पाठक ने कहा, ” परेड सिंघू बॉर्डर से शुरू होगी और संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर, कंझावला, बवाना, औचंदी बॉर्डर एवं कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे से गुजरेगी और सिंघू बॉर्डर लौटेगी। यह करीब 62 किलोमीटर की दूरी तय करेगी।”

Read More: कांग्रेस विधायक ने किया शराब बिक्री का समर्थन, कहा- सरकार को मिलती है रेवेन्यू , जिससे लोगों को मिलती है सैलरी

उन्होंने कहा कि किसान ट्रैक्टर के साथ टिकरी बॉर्डर से रवाना होंगे और नांगलोई, नजफगढ़, झड़ौदा, कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे होते हुए वापस टीकरी बॉर्डर को लौटेंगे। पाठक ने कहा, ” गाजीपुर बॉर्डर से शुरू होने वाली परेड अप्सरा बॉर्डर, हापुड़ रोड, कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे होते हुए वापस गाजीपुर बॉर्डर पर समाप्त होगी। इन किसानों का समूह 46 किलोमीटर की दूरी तय करेगा।”

Read More: कपड़े के ऊपर से स्तन को छूना नहीं आता यौन हमले के दायरे में, एक अहम मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट का फैसला

पुलिस ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा ने आश्वासन दिया है कि परेड जहां से शुरू होगी, उसी जगह लौटेगी। उन्होंने कहा कि अब तक दिल्ली की सीमाओं पर 12,000 से अधिक ट्रैक्टर मौजूद हैं, जिनमें टिकरी बॉर्डर पर करीब सात से आठ हजार, सिंघू बॉर्डर पर करीब पांच हजार और गाजीपुर बॉर्डर पर एक हजार ट्रैक्टर हैं। इनकी संख्या में बढ़ोत्तरी होने की संभावना है। उल्लेखनीय है कि नये कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर हजारों किसान प्रदर्शन कर रहे हैं, जिनमें से अधिकतर पंजाब, हरियाणा तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश से हैं।

Read More: 25 जनवरी की रैली में शामिल होने हजारों की संख्या में किसान पहुंचे दिल्ली, ड्रोन के जरिए हो रही निगरानी

किसान संगठनों का आरोप है कि नए कृषि कानूनों से मंडी और एमएसपी खरीद की व्यवस्था समाप्त हो जाएंगी तथा किसान बड़े कॉरपोरेट घरानों की दया पर निर्भर हो जाएंगे। इससे पहले पुलिस ने किसान संगठनों के नेताओं से राष्ट्रीय राजधानी से बाहर ट्रैक्टर परेड निकालने का अनुरोध किया था लेकिन वे दिल्ली के बाहरी रिंग रोड पर ही परेड के लिए अड़े हुए थे। पुलिस और किसानों के बीच हुई चौथे दौर की बातचीत में दोनों पक्षों के बीच परेड पर सहमति बनी थी।

Read More: अगर ‘सीधा संपर्क’ नहीं हुआ है तो यह यौन हमला नहीं है : उच्च न्यायालय