नयी दिल्ली, 24 अप्रैल (भाषा) शिवसेना (उबाठा) ने जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले को लेकर खुफिया विफलता और जवाबदेही पर सवाल उठाए। पार्टी ने इस भयावह घटना को लेकर सरकार की किसी भी कड़ी प्रतिक्रिया का समर्थन करने की पेशकश की।
पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में कम से कम 26 आम नागरिक मारे गए, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे।
पार्टी नेता अरविंद सावंत ने हमले पर सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक से पहले संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू को पत्र लिखकर सूचित किया कि वह और संजय राउत बैठक में शामिल होने में असमर्थ हैं।
राउत पार्टी के राज्यसभा सदस्य हैं। उन्होंने कहा कि संसदीय समितियों के सदस्य के रूप में दोनों आधिकारिक दौरे पर हैं।
लोकसभा में पार्टी के नेता सावंत ने रीजीजू को लिखे पत्र का मूल पाठ साझा किया और बाद में उसका संशोधित संस्करण भी उपलब्ध कराया।
उन्होंने कहा, ‘‘यह भी बता दें कि खुफिया विफलताओं तथा हमला क्यों और कैसे हुआ, इसे लेकर सवाल उठेंगे। अगर सरकार देश पर हुए इस बर्बर और कायरतापूर्ण हमले का कोई भी कड़ा जवाब देती है तो हम इस बैठक को अपना समर्थन देने के माध्यम के रूप में देखते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जवाबदेही का सवाल भी है, इस बैठक के लिए नहीं बल्कि इसके तुरंत बाद, उसी देशभक्ति की भावना से उपजा है जो हमें एक साथ बांधती है, जो हमारे देश की बेहतर सेवा करने की चाहत रखती है।’’
मुंबई दक्षिण के सांसद ने जोर देकर कहा कि वे एकजुट हैं और उम्मीद है कि सरकार, पूरे देश की ओर से, ‘‘आतंकवादियों और उन्हें शरण देने वालों को इतनी क्रूर और कड़ी प्रतिक्रिया देगी’’ कि वे भारत के नागरिकों को छूने के बारे में कभी नहीं सोचेंगे।
उन्होंने रीजीजू से आग्रह किया कि वह उन्हें और राउत को वीडियो लिंक के माध्यम से बैठक में शामिल होने की अनुमति दें।
क्षेत्रीय पार्टी विपक्षी दलों के ‘इंडिया’ गठबंधन का हिस्सा है।
कांग्रेस ने भी एक प्रस्ताव में खुफिया विफलताओं और सुरक्षा खामियों का व्यापक विश्लेषण करने की मांग की, जिससे केंद्र शासित प्रदेश में इस तरह का हमला संभव हो पाया। केंद्र शासित प्रदेश सीधे केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकार क्षेत्र में आता है।
भाषा सुरभि मनीषा
मनीषा
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