Karnataka RSS Latest News: डंडे के साथ यूनिफॉर्म पहनकर RSS के शताब्दी समारोह में शामिल हुआ पंचायत अधिकारी.. कांग्रेस सरकार ने किया सस्पेंड

स कार्रवाई को विपक्षी दल भाजपा ने पंचायत विभाग के अधिकारी के निलंबन को "सरकारी मशीनरी का उपयोग करके देशभक्ति की भावनाओं पर हमला" बताया।

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  • Publish Date - October 18, 2025 / 01:17 PM IST,
    Updated On - October 18, 2025 / 04:05 PM IST

Karnataka RSS Latest News || Image- Hate Detector file

Karnataka RSS Latest News: बेंगलुरु: कर्नाटक सरकार ने 12 अक्टूबर को रायचूर के लिंगसुगुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के शताब्दी समारोह में भाग लेने के लिए पंचायत विकास अधिकारी (पीडीओ) प्रवीण कुमार केपी को शुक्रवार को निलंबित कर दिया। विभाग की तरफ से पंचायत राज आयुक्त अरुंधति चंद्रशेखर ने कुमार को उनके “सरकारी कर्मचारी के अनुरूप आचरण न करने” के कारण निलंबित करने का आदेश जारी किया।

प्रियांक खरगे ने की थी RSS की आलोचना

पंचायत राज मंत्री प्रियांक खड़गे ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से आरएसएस से जुड़े सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने की अपील की थी। इससे पहले प्रियांक ने कर्नाटक सिविल सेवा (आचरण) नियमों का हवाला दिया था। यह नियम किसी भी सरकारी कर्मचारियों को राजनीतिक संगठनों की सदस्यता लेने या उनके कार्यक्रमों में शामिल होने से रोकते हैं।

जाँच के बाद आई थी रिपोर्ट

Karnataka RSS Latest News: सिरवार तालुका के पीडीओ कुमार को लिंगसुगुर के भाजपा विधायक मनप्पा वज्जल के निजी सहायक के रूप में नियुक्त किया गया था। रायचूर जिला पंचायत को एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया था जिसमें यह पुष्टि की गई हो कि कुमार गणवेश (वर्दी) पहनकर और बेंत लेकर आरएसएस के कार्यक्रम में शामिल हुए थे या नहीं। रिपोर्ट में इसकी पुष्टि हुई, जिसके कारण उन्हें निलंबित कर दिया गया।

हमलावर हुई भाजपा, बताया, ‘हिंदू विरोधी मानसिकता’

वही इस कार्रवाई को विपक्षी दल भाजपा ने पंचायत विभाग के अधिकारी के निलंबन को “सरकारी मशीनरी का उपयोग करके देशभक्ति की भावनाओं पर हमला” बताया। बयान जारी करते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र ने कहा, “यह कुछ और नहीं बल्कि कांग्रेस की द्वेष से प्रेरित विकृत और हिंदू विरोधी मानसिकता है। इस प्रतिशोधात्मक निलंबन को तुरंत माफ़ी मांगकर रद्द किया जाना चाहिए, अन्यथा इस विभाजनकारी राजनीति का मुकाबला करने के लिए लोकतांत्रिक व्यवस्था के भीतर संवैधानिक तरीकों से उचित जवाब दिया जाएगा।”

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