संसदीय समिति ने नीलामी के बाद खदानों में काम शुरू होने में देरी पर चिंता जताई
संसदीय समिति ने नीलामी के बाद खदानों में काम शुरू होने में देरी पर चिंता जताई
नयी दिल्ली, 18 दिसंबर (भाषा) संसद की एक समिति ने खदानों की नीलामी के बाद उनमें कामकाज चालू होने में देरी पर चिंता जताई है और सरकार से खनिज और महत्वपूर्ण खनिज परियोजनाओं के लिए नीलामी के बाद की प्रगति की निगरानी के लिए एक अंतर-मंत्रालयी समिति गठित करने की संभावना तलाशने का आग्रह किया है।
समिति ने इस बात पर भी जोर दिया कि महत्वपूर्ण खनिज परियोजनाओं को आवश्यक वैधानिक मंजूरियों में प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘खनिज ब्लॉकों की नीलामी के लिए नीतिगत पहल और खनन मानदंडों का सरलीकरण किया गया है, लेकिन समिति का मानना है कि नियामक मंजूरियों की लंबी प्रक्रिया, अपर्याप्त खनन, खनन के चरण में भी वन मंजूरी की आवश्यकता, खदानों की नीलामी और उनके चालू होने के बीच काफी समय का अंतर, आदि पर ध्यान देने की आवश्यकता है।’’
ये टिप्पणियां कोयला, खान और इस्पात संबंधी स्थायी समिति ने ‘‘खनिज और धातुओं में आत्मनिर्भरता’’ विषयक अपनी नवीनतम रिपोर्ट में की हैं।
समिति ने कहा, ‘‘इन लगातार चुनौतियों को देखते हुए, समिति खनिज और महत्वपूर्ण खनिज दोनों परियोजनाओं की नीलामी के बाद की प्रगति की निगरानी के लिए एक अंतर-मंत्रालयी समूह स्थापित करने की संभावना तलाशे जाने की पक्षधर है, जिसका कार्यक्षेत्र आवंटित खदानों में तेजी से काम चालू करना होगा।’’
इसमें कहा गया है, ‘‘कामकाज चालू करने में देरी के लिए अर्थदंड लगाने और तेजी से उत्पादन के लिए प्रोत्साहन देने पर भी विचार किया जा सकता है।’’
समिति ने भारत के खनिज क्षेत्र को नियंत्रित करने वाले नियामक ढांचे को आधुनिक बनाने के लिए 2015 से 2023 के बीच किए गए महत्वपूर्ण नीतिगत सुधारों का संज्ञान लिया।
भाषा वैभव माधव
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