Passport Verification Rules: पासपोर्ट वैरिफिकेशन की डेडलाइन जारी! सिर्फ इतने दिन में करना होगा ये काम नहीं तो… हाईकोर्ट ने दी सख्त हिदायत
हाईकोर्ट ने हाल ही में आदेश दिया है कि नागरिकों का विदेश यात्रा का अधिकार इस प्रक्रिया में अटका नहीं होना चाहिए। अब सभी पासपोर्ट आवेदक ये सुनिश्चित कर सकते हैं कि अगर पुलिस वैरिफिकेशन समय पर नहीं होता तो शिकायत का अधिकार उनके पास सुरक्षित है।
(E-Passport, Image Credit: ANI News)
- पुलिस वैरिफिकेशन प्रक्रिया अब 4 हफ्तों में पूरी करनी होगी।
- पासपोर्ट आवेदक वैरिफिकेशन में देरी होने पर शिकायत दर्ज।
- सुनिश्चित होगा कि नागरिकों का विदेश यात्रा का अधिकार बाधित न हो।
Passport Verification Rules: पासपोर्ट सभी देशो में यात्रा का सबसे अहम दस्तावेज माना जाता है। इसके लिए आवेदन करना बेहद आसान है लेकिन पासपोर्ट जारी करने की प्रक्रिया में सबसे महत्वपूर्ण और समय लेने वाला कदम होता है पुलिस वैरिफिकेशन। कई बार इस वैरिफिकेशन में देरी के कारण नागरिकों को अपने पासपोर्ट मिलने में हफ्तों या महीनों तक भी इंतजार करना पड़ता है। हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए पुलिस विभाग को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वो पासपोर्ट वैरिफिकेशन प्रक्रिया को तय समय सीमा में पूरा करें।
चार हफ्तों में पूरा करना होगा वैरिफिकेशन का प्रोसेस
हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार पुलिस को पासपोर्ट आवेदनों की जांच अधिकतम चार हफ्तों के भीतर पूरी करनी होगी। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि केवल विशेष परिस्थितियों में ही वैरिफिकेशन में देरी स्वीकार्य होगी। आमतौर पर नए पासपोर्ट आवेदन 30 दिन में और रीइश्यू के मामलों में 7 दिन में जारी किए जाते हैं लेकिन इसमें पुलिस वैरिफिकेशन का समय शामिल नहीं होता। इसी कारण पहले अक्सर इसमें बहुत देरी होती दिखती थी। अब पुलिस विभाग को ये सुनिश्चित करना होगा कि सभी जांच और फाइलें समय पर पासपोर्ट कार्यालय तक भेजी जाएं। इस नियम का उद्देश्य नागरिकों को विदेश यात्रा के अधिकार से वंचित नहीं करना और उन्हें अनावश्यक परेशानियों से बचाना है।
देरी होने पर कहां करें शिकायत?
अगर किसी आवेदक का पासपोर्ट लंबित रहता है और वैरिफिकेशन में देरी हो रही है, तो सबसे पहले संबंधित पासपोर्ट कार्यालय में लिखित शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। अगर पता चलता है कि मामला पुलिस वैरिफिकेशन में अटका है, तो आवेदक स्थानीय पुलिस अधीक्षक या क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी से सीधे संपर्क कर सकते हैं। हाईकोर्ट ने ये भी स्पष्ट किया है कि अगर किसी आवेदक पर आपराधिक मामला लंबित है, तो उसे पासपोर्ट जारी होने से पहले नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) या विशेष अनुमति लेना अनिवार्य है। पासपोर्ट कार्यालयों को निर्देश दिए गए हैं कि आवश्यक दस्तावेज मिलने के बाद आवेदन को एक महीने के भीतर निपटाया जाए।
प्रशासन की जिम्मेदारी
पुलिस वैरिफिकेशन की प्रक्रिया को लेकर हाईकोर्ट ने कहा है कि इसमें गैरजरूरी देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। नागरिकों का विदेश यात्रा का अधिकार इस प्रक्रिया में अटका नहीं होना चाहिए। अब सभी पासपोर्ट आवेदक ये सुनिश्चित कर सकते हैं कि अगर। पुलिस वैरिफिकेशन समय पर नहीं होता तो शिकायत का अधिकार उनके पास सुरक्षित है।
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