मोदी को कर्नाटक के लोग ‘दिव्य पुरुष’ और ‘राजनीतिक संत’ के रूप में देखते हैं: निरानी
मोदी को कर्नाटक के लोग ‘दिव्य पुरुष’ और ‘राजनीतिक संत’ के रूप में देखते हैं: निरानी
(लक्ष्मी देवी)
बगलकोट, एक मई (भाषा) भाजपा नेता और उद्योग मंत्री मुरुगेश निरानी ने कहा कि उत्तरी कर्नाटक के लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘देवता मनुष्य’ (दिव्य पुरुष) और ‘राजनीतिक संत’ मानते हैं।
बगलकोट जिले के बिल्गी निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे निरानी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा कि अगले कुछ दिनों में नरेंद्र मोदी का चुनाव प्रचार राज्य में स्थिति को भगवा पार्टी के पक्ष में कर देगा।
मंत्री ने कहा कि भाजपा के वरिष्ठ लिंगायत नेता जगदीश शेट्टर के पार्टी से निकलने से भाजपा पर कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि मुख्यमंत्री सहित सभी पदों को हासिल करने का मौका पाने के बावजूद ‘पाला बदलने’ वाले नेता ‘स्वार्थी’ हैं।
निरानी ने कहा, ‘‘उत्तरी कर्नाटक में मोदी को श्री स्वामी सिद्धेश्वर की तरह ‘देवता मनुष्य’ के रूप में माना जाता है, जिन्हें ‘नादेदेव नारायण’ (जीवित भगवान) के रूप में जाना जाता है। स्वामी जी के पास न तो जेब है और न ही बैंक खाता या संपत्ति। मोदी के पास जेब है, लेकिन कोई इच्छा नहीं है। उनके लिए देश की सेवा ही सब कुछ है। वह ‘राजकीय संत’ (राजनीतिक संत) हैं और लोग उन्हें रैलियों में देखने आ रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि 10 मई को मतदान के लिए नौ और दिन बचे हैं और चुनाव प्रचार के लिए और अधिक केंद्रीय नेता यहां आ रहे हैं। निरानी ने कहा कि उनकी पार्टी 120 सीट का आंकड़ा आसानी से पार करके सरकार बनाएगी।
लिंगायत समुदाय के भाजपा के साथ खड़े होने के प्रति आश्वस्त निरानी ने कहा कि यह समुदाय उस कांग्रेस को कभी वोट नहीं देगा जिसने अतीत में दो शीर्ष लिंगायत नेताओं एस निजलिंगप्पा और वीरेंद्र पाटिल का अपमान किया है।
उन्होंने कहा कि इन नेताओं को मुख्यमंत्री के पद से हटा दिया गया था और तब से कांग्रेस में इस समुदाय का कोई व्यक्ति मुख्यमंत्री नहीं बना।
लिंगायत की आबादी राज्य की कुल आबादी की 17 फीसदी है और भाजपा लंबे समय से इनका समर्थन हासिल करने में सफल रही है।
भाजपा ने इस बार के विधानसभा चुनाव में भी बीएस येदियुरप्पा को अपने प्रमुख चेहरे के रूप में पेश किया है, जो इस बात का संकेत है कि लिंगायत वोट बैंक कितना अहम है।
आरक्षण को लेकर राज्य में पंचमसाली लिंगायत समुदाय के विरोध में अहम भूमिका निभाने वाले निरानी ने कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में समुदाय के वर्गीकरण को 3बी से 2ए में स्थानांतरित करने की मांग थी।
आर्थिक, सामाजिक और शैक्षिक स्थिति के आधार पर राज्य में ओबीसी की चार श्रेणियां हैं- 2ए, 2बी, 3ए और 3बी। इन समुदायों को श्रेणियों के आधार पर नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में अधिमानी आरक्षण मिलता है। 2ए सबसे पिछड़ा है, 2B मध्यम है और इनसे थोड़ा ऊपर 3ए और 3बी है।
लिंगायत और वोक्कालिगा को शामिल करने के लिए सरकार ने अब दो नई श्रेणियां बनाई हैं- 2 सी और 2 डी। भाजपा नेता ने कहा कि बिल्गी निर्वाचन क्षेत्र में 1200 करोड़ रुपये की सिंचाई परियोजना शुरू हो चुकी है और दो साल में पूरे इलाके को सिंचाई की सुविधा मिलने लगेगी।
भाषा संतोष रंजन
रंजन

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