प्रधानमंत्री को अजमेर शरीफ दरगाह पर ‘चादर’ चढ़ाने से रोकने संबंधी याचिका न्यायालय में दाखिल

प्रधानमंत्री को अजमेर शरीफ दरगाह पर ‘चादर’ चढ़ाने से रोकने संबंधी याचिका न्यायालय में दाखिल

प्रधानमंत्री को अजमेर शरीफ दरगाह पर ‘चादर’ चढ़ाने से रोकने संबंधी याचिका न्यायालय में दाखिल
Modified Date: December 22, 2025 / 01:50 pm IST
Published Date: December 22, 2025 1:50 pm IST

नयी दिल्ली, 22 दिसंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अजमेर शरीफ दरगाह पर ‘चादर’ चढ़ाने से रोकने के निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।

यह मामला प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की अवकाशकालीन पीठ के समक्ष आया।

पीठ ने कहा, ‘‘आज सूचीबद्ध नहीं।’’

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उच्चतम न्यायालय ने याचिकाकर्ताओं जितेंद्र सिंह और अन्य की ओर से पेश अधिवक्ता बरुन सिन्हा को रजिस्ट्री से संपर्क करने को कहा।

याचिका में कहा गया है, ‘‘ यह निवेदन किया जाता है कि भारत के प्रधानमंत्री द्वारा मोइनुद्दीन चिश्ती की अजमेर स्थित दरगाह पर चादर चढ़ाने की प्रथा की शुरुआत पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 1947 में की थी और यह तब से जारी है और इसका कोई कानूनी या संवैधानिक आधार नहीं है।’’

याचिका के अनुसार, ‘‘ऐतिहासिक अभिलेखों से पता चलता है कि मोइनुद्दीन चिश्ती उन विदेशी आक्रमणों से जुड़े थे जिन्होंने दिल्ली और अजमेर पर विजय प्राप्त की और स्थानीय आबादी का बड़े पैमाने पर दमन किया और धर्मांतरण किया, जो भारत की संप्रभुता, गरिमा और सभ्यतागत मूल्यों के बिल्कुल विपरीत थे।’’

भाषा शोभना मनीषा

मनीषा


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