राजनीतिक दलों के पंजीकरण और विनियमन के लिए नियम बनाने को लेकर याचिका

राजनीतिक दलों के पंजीकरण और विनियमन के लिए नियम बनाने को लेकर याचिका

राजनीतिक दलों के पंजीकरण और विनियमन के लिए नियम बनाने को लेकर याचिका
Modified Date: August 31, 2025 / 05:05 pm IST
Published Date: August 31, 2025 5:05 pm IST

नयी दिल्ली, 31 अगस्त (भाषा) उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है जिसमें निर्वाचन आयोग को राजनीतिक दलों के पंजीकरण और उनके विनियमन के लिए नियम बनाने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है, ताकि धर्मनिरपेक्षता, पारदर्शिता और राजनीतिक न्याय को बढ़ावा दिया जा सके।

याचिका में आरोप लगाया गया है कि “फर्जी राजनीतिक दल” न केवल लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रहे हैं, बल्कि कट्टर अपराधियों, अपहरणकर्ताओं, मादक पदार्थों के तस्करों और धन शोधन करने वालों से भारी मात्रा में धन लेकर उन्हें राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर पदाधिकारी नियुक्त करके देश की छवि भी खराब कर रहे हैं।

अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय द्वारा दायर याचिका में कहा गया है, “राजनीतिक दलों के लिए कोई नियम-कानून नहीं हैं। इसलिए, कई अलगाववादियों ने चंदा इकट्ठा करने के लिए अपनी राजनीतिक पार्टी बना ली है। इन दलों के कुछ पदाधिकारी पुलिस सुरक्षा पाने में भी सफल रहे हैं।”

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एक हालिया मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए याचिका में दावा किया गया कि आयकर विभाग को एक “फर्जी” राजनीतिक दल मिला है जो “20 प्रतिशत कमीशन काटकर काले धन को सफेद में बदल रहा है”।

वकील अश्विनी कुमार दुबे के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया, “राजनीतिक दलों के कामकाज में पारदर्शिता और जवाबदेही जनहित में आवश्यक है क्योंकि वे सार्वजनिक कार्य करते हैं और इसलिए, भारत निर्वाचन आयोग को उनके लिए नियम और कानून बनाने चाहिए।”

इसमें कहा गया है कि उच्चतम न्यायालय ने सार्वजनिक जीवन में पारदर्शिता और ईमानदारी लाने के लिए विभिन्न सुधार शुरू किए हैं।

इसमें कहा गया है, “संविधान के दायरे में राजनीतिक दलों को विनियमित करने का कदम मजबूत लोकतांत्रिक कार्यप्रणाली का मार्ग प्रशस्त करेगा।”

वैकल्पिक रूप से, याचिका में भारत के विधि आयोग को विकसित लोकतांत्रिक देशों की सर्वोत्तम प्रथाओं की पड़ताल करने और राजनीति में भ्रष्टाचार और अपराधीकरण को कम करने के लिए राजनीतिक दलों के पंजीकरण और विनियमन पर एक व्यापक रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।

भाषा

प्रशांत नरेश

नरेश


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