मुख्यमंत्री विजयन के खिलाफ सीबीआई जांच संबंधी याचिका निरर्थक है: वीना ने अदालत में कहा

मुख्यमंत्री विजयन के खिलाफ सीबीआई जांच संबंधी याचिका निरर्थक है: वीना ने अदालत में कहा

मुख्यमंत्री विजयन के खिलाफ सीबीआई जांच संबंधी याचिका निरर्थक है: वीना ने अदालत में कहा
Modified Date: June 11, 2025 / 08:19 pm IST
Published Date: June 11, 2025 8:19 pm IST

कोच्चि, 11 जून (भाषा) केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की बेटी वीना टी ने केरल उच्च न्यायालय में दायर उस याचिका को ‘‘निरर्थक’’ बताया है जिसमें एक निजी खनन कंपनी से कथित तौर पर रिश्वत लेने के मामले में उनके पिता के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की जांच का अनुरोध किया गया है।

पत्रकार एम आर अजयन द्वारा दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि मुख्यमंत्री ने ‘कोचीन मिनरल्स एंड रूटाइल लिमिटेड’ (सीएमआरएल) से रिश्वत ली।

याचिकाकर्ता ने यह भी आरोप लगाया है कि सीएमआरएल और इसके प्रबंध निदेशक एस एन शशिधरन कार्था के खिलाफ आयकर कार्यवाही के संबंध में अंतरिम निपटान बोर्ड ने पाया था कि इस खनन कंपनी ने वीना की कंपनी ‘एक्सालॉजिक’ को भुगतान किया था।

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उन्होंने अपनी याचिका में यह भी आरोप लगाया है कि सीएमआरएल ने विजयन को उनकी बेटी की कंपनी के माध्यम से पैसा भेजा था।

वीना ने इन आरोपों का खंडन करते हुए दावा किया है कि एक्सालॉजिक के कारोबार में उनके पिता की कोई भूमिका नहीं है। इसकी स्थापना वीना ने 2014 में विजयन के 2016 में मुख्यमंत्री बनने से पहले की थी और इसकी प्रबंधन एवं संचालन वह करती हैं।

उन्होंने याचिका का जवाब देते हुए कहा, ‘‘जनहित याचिका सीएमआरएल के पक्ष में मेरे या मेरे पिता द्वारा प्रभावित किसी भी निर्णय और ऐसे पक्षपात के परिणामस्वरूप प्राप्त किसी भी तरह के लाभ या रिश्वत की बात को चिह्नित करने में विफल रही है।’’

वीना ने कहा, ‘‘और यदि सीएमआरएल एवं एक्सालॉजिक के बीच इन निजी समझौतों संबंधी अनुबंध का कोई भी उल्लंघन या अवैधता हुई है तो यह दीवानी या वाणिज्यिक कानून के दायरे में आएगी और यह जनहित याचिका का विषय नहीं हो सकती।’’

उन्होंने इस याचिका को ‘‘सार्वजनिक हित के लिए नहीं, बल्कि सार्वजनिक रूप से तमाशा दिखाने के उद्देश्य से दायर की गई’’ याचिका का सटीक उदाहरण बताया।

उन्होंने तर्क दिया कि एक्सालॉजिक, उनके और सीएमआरएल के बीच सभी वित्तीय लेन-देन वैध इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से किए गए थे, जिससे ‘‘पारदर्शिता सुनिश्चित हुई। इसके अलावा, सीएमआरएल द्वारा एक्सालॉजिक को भुगतान आईटी सेवाओं के प्रावधान के वैध संविदात्मक समझौतों के अनुसार किए गए।’’

उन्होंने उनके और उनकी कंपनी के खिलाफ दायर याचिका को भारी जुर्माने के साथ खारिज किए जाने का अनुरोध किया।

भाषा सिम्मी माधव

माधव


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