उप्र में आयुष्मान भारत योजना के समुचित क्रियान्वयन के लिए इसकी खामियां दूर करें : सपा
उप्र में आयुष्मान भारत योजना के समुचित क्रियान्वयन के लिए इसकी खामियां दूर करें : सपा
नयी दिल्ली, आठ दिसंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश में केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना के क्रियान्वयन में कथित खामियों का दावा करते हुए राज्यसभा में सोमवार को समाजवादी पार्टी के एक सदस्य ने मांग की कि करीब 25 करोड़ की आबादी वाले राज्य के सभी गरीब परिवारों को इस योजना के दायरे में लाने के लिए इस योजना की खामियों को दूर किया जाए।
शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए समाजवादी पार्टी के जावेद अली खान ने कहा कि केंद्र सरकार ने 2018 में गरीब परिवारों को राहत देने के लिए आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना जोर-शोर से शुरू की थी लेकिन इसका संचालन बेहद कंजूसी से किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने गरीब परिवारों को पांच लाख रुपये तक की मुफ्त इलाज सुविधा प्रदान करने के लिए आयुष्मान भारत योजना शुरू की थी।
खान ने कहा कि उत्तर प्रदेश में योजना के लाथार्थी तय किए गए थे वह 2011 के सामाजिक आर्थिक सर्वे के आधार पर तय किए गए थे। उन्होंने कहा ‘‘तब कहा गया था कि नौ करोड़ लाभार्थी होंगे। लेकिन राज्य अब तक पांच करोड़ 38 लाख लोगों को ही कवर किया गया है। ’’
सपा सदस्य के अनुसार, इसका कारण यह है एक अघोषित नियम जिसके अनुसार जिनके परिवार में छह सदस्य या अधिक हैं तब ही आयुष्मान कार्ड दिया जाएगा। ‘‘अगर कम हैं तो आयुष्मान कार्ड नहीं मिलेगा और योजना का लाभ नहीं मिलेगा।’’
उन्होंने कहा कि योजना में अंत्योदय कार्ड धारकों को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि करीब 25 करोड़ की आबादी वाले उत्तर प्रदेश में केवल 41 लाख अंत्योदय कार्ड धारक हैं जो आयुष्मान योजना में शामिल हो गए। ‘‘लेकिन छह सदस्यों के अघोषित नियम के कारण कई लोग इससे वंचित हैं।’’
खान ने कहा कि 2024 के चुनाव के बाद से योजना की वेबसाइट भी बंद पड़ी है।
उन्होंने दावा किया कि योजना के एक प्रावधान के अनुसार, वरिष्ठ नागरिकों को इस योजना का लाभ दिया जाएगा। ‘‘हम 60 साल और इससे अधिक उम्र के लोगों को वरिष्ठ मानते हैं लेकिन इस योजना के तहत 70 साल और इससे अधिक उम्र के लोगों को वरिष्ठ नागरिक माना जा रहा है।’’
खान ने सरकार से मांग की कि उत्तर प्रदेश में इस योजना के क्रियान्वयन के लिए कथित खामियों को दूर किया जाए ताकि गरीब परिवार पांच लाख रुपये के मुफ्त इलाज की सुविधा पा सकें।
भाषा मनीषा माधव
माधव

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