18 जून को प्रसारित होगी ‘मन की बात’, प्रधानमंत्री ने मांगे देशभर से सुझाव, प्रदेश में BJP ने शुरु की तैयारी

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  • Publish Date - June 16, 2023 / 08:35 PM IST,
    Updated On - June 16, 2023 / 08:35 PM IST

Mann Ki Baat 106th Episode

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस महीने रविवार, 18 जून को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के माध्यम से देश को संबोधित करेगें। (PM Mann ki Baat 18th June 2023 Episode) इस कार्यक्रम के लिए आप भी अपने विचार और सुझाव साझा कर सकते है। प्रधानमंत्री मोदी उनमें से कुछ चयनित विचारों और सुझावों को अपने कार्यक्रम में शामिल करेंगे।

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प्रधानमंत्री मोदी हर माह आखिरी रविवार को सुबह 11 बजे रेडियो के माध्यम से देशवासियों से मन की बात करते हैं। लेकिन इस बार प्रधानमंत्री के अमेरिकी दौरे के कारण यह कार्यक्रम पहले ही प्रसारित होगा। प्रधानमंत्री का लोगों के साथ यह संवाद काफी लोकप्रिय है। इस रेडियो कार्यक्रम को तमाम न्यूज चैनल भी प्रसारित करते हैं। इस कार्यक्रम के लिए आप भी अपने विचार एवं सुझाव साझा कर सकते है। पीएम मोदी उनमें से कुछ चयनित विचारों एवं सुझावों को अपने कार्यक्रम में शामिल करेंगे।

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वही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन के बात का यह एपिसोड सुनने की तैयारी प्रदेश भाजपा की ओर से भी शुरू कर दी गई है। (PM Mann ki Baat 18th June 2023 Episode) मन की बात प्रदेश के सभी जिलों में भाजपा के पदाधिकारियों द्वारा सुना जाएगा। इसके साथ ही सामूहिक रूप स मन की बात सुनने के लिए भी पार्टी स्तर पर तैयारी कर रही है।

22 भारतीय भाषाओं और 29 बोलियों में प्रसारण

शुरुआत में प्रसारण केवल हिंदी में था और बाद में अंग्रेजी संस्करण 31 जनवरी, 2016 से और संस्कृत संस्करण 28 मई, 2017 से शुरु हुआ। फिलहाल मन की बात का प्रसारण अंग्रेजी के साथ 22 भारतीय भाषाओं और 29 बोलियों (25 पूर्वोत्तर और 4 छत्तीसगढ़ से) और 11 विदेशी भाषाओं में होता है। भारतीय भाषाओं में हिंदी, संस्कृत, पंजाबी, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मराठी, गुजराती, मलयालम, उड़िया, कोंकणी, नेपाली, कश्मीरी, डोगरी, मणिपुरी, मैथिली, बंगाली, असमिया, बोडो, संथाली, उर्दू और सिंधी शामिल हैं। बोलियां छत्तीसगढ़ी, गोंडी, हल्बी, सरगुजिया, पहाड़ी, शीना, गोजरी, बलती, लद्दाखी, कार्बी, खासी, जयंतिया, गारो, नगामेसे, हमार, पैते, थडौ, कबुई, माओ, तांगखुल, न्यिशी, आदि, मोनपा, आओ, अंगामी, कोकबोरोक, मिजो, लेप्चा और सिक्किमी (भूटिया) हैं और विदेशी भाषाओं में फ्रेंच, चीनी, इंडोनेशियाई, तिब्बती, बर्मी, बलूची, अरबी, पश्तू, फारसी, दारी और स्वाहिली शामिल हैं।

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