Guru Purnima 2021 : गुरु पूर्णिमा और धम्म चक्र दिवस के मौके पर PM मोदी ने देश को किया संबोधित,

  •  
  • Publish Date - July 24, 2021 / 09:04 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:45 PM IST

This browser does not support the video element.

Guru Purnima 2021

नई दिल्ली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज आषाढ़ पूर्णिमा ( Guru Purnima ) और धम्म चक्र दिवस के मौके पर देशवासियों को संबोधित कर अपना संदेश साझा किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हम गुरु पूर्णिमा मनाते हैं, आज ही के दिन भगवान बुद्ध ने बुद्धत्व की प्राप्ति के बाद अपना पहला ज्ञान संसार को दिया था। हमारे यहां कहा गया है कि जहां ज्ञान है, वहीं पूर्णता है।

Read More News:पति के ‘गंदे धंधे’ में शिल्पा शेट्टी की क्या थी भूमिका? पूछताछ के लिए पुलिस की टीम ने घर पर दी दस्तक

संबोधन में पीएम मोदी ने आगे कहा कि सारनाथ में भगवान बुद्ध ने पूरे जीवन का सूत्र हमें बताया था। उन्होंने दुःख के बारे में बताया, दुःख के कारण के बारे में बताया, ये आश्वासन दिया कि दुःखों से जीता जा सकता है और इस जीत का रास्ता भी बताया।

Read More News: 2 अगस्त से खुलेंगे स्कूल, जानिए किस कक्षा के छात्रों को आना होगा स्कूल, इस राज्य की सरकार ने जारी किया निर्देश

Guru Purnima 2021 : पीएम मोदी ने आगे कहा कि आज कोरोना महामारी के रूप में मानवता के सामने संकट है तब बुद्ध हमारे लिए और प्रासंगिक हो जाते हैं। बुद्ध के मार्ग पर चलकर हम बड़ी से बड़ी चुनौती का सामना कैसे कर सकते हैं, भारत ने ये करके दिखाया है। बुद्ध के सम्यक विचार को लेकर आज दुनिया के देश भी एक दूसरे का हाथ थाम रहे हैं।

Read More News: केंद्र सरकार के इस नए आदेश से कर्मचारियों के साथ पेंशनरों की हुई बल्ले-बल्ले, सैलरी में आने वाली है बाढ़, देखें डिटेल

गुरु पूर्णिमा 24 जुलाई को मनाया जा रहा है। यह हिंदुओं, जैनियों और बौद्धों द्वारा अपने गुरुओं या शिक्षकों को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है, जो उन्हें अपने जीवन में ज्ञान के मार्ग की ओर ले जाते हैं। वहीं, भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के तहत अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ आज के दिन धर्म चक्र दिवस के रूप में आषाढ़ पूर्णिमा मना रहा है।

बता दें कि सारनाथ में ऋषिपत्तन स्थित हिरण उद्यान में आज ही के दिन महात्मा बुद्ध ने अपने प्रथम पांच तपस्वी शिष्यों को दिए गए ‘प्रथम उपदेश’ को ध्यान में रखकर मनाया जाता है।

Read More News: मौत की बारिश! चट्टान खिसकने से 44 लोगों की मौत, 25 से अधिक लोग अभी भी दबे हैं मलबे में