पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा- ‘गरीब का खाता नहीं खुलवा सके, कहते हैं कि खाते में पैसे डालेंगे’

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा- 'गरीब का खाता नहीं खुलवा सके, कहते हैं कि खाते में पैसे डालेंगे'

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  • Publish Date - March 28, 2019 / 08:40 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:09 PM IST

मेरठ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज से लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान की शुरुआत कर दिए हैं। आम चुनावों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहली चुनावी रैली आज मेरठ में हुई। इस रैली के जरिए पीएम मोदी ने लोकसभा चुनाव 2019 के चुनाव प्रचार का शंखनाद किए। पीएम ने सभा की शुरुआत करते हुए कहा कि 2019 का ये चुनाव हर भारतवासी के सपनों और आकांक्षाओं का चुनाव है। रैली में पीएम मोदी ने विपक्ष पर जबरदस्त हमला किया। अंतरिक्ष में रचे कीर्तिमान को लेकर कहा कि कुछ बुद्धिमान लोग ऐसे हैं कि जब मैंने कल ASAT की बात की तो वे कन्फयूज हो गए।

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अगले लोकसभा चुनाव के लिए यूपी के मेरठ से चुनावी अभियान की शुरूआत करते हुए पीएम ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के चौकीदार को ही बहाना बनाकर कांग्रेस समेत पूरे विपक्ष को घेरा। पीएम मोदी ने फिर कहा कि ‘मैं चौकीदार हूं’ और चौकीदार कभी नाइंसाफी नहीं करता है। पीएम मोदी ने ये भी कहा कि ‘मैं अपना हिसाब तो दूंगा लेकिन सबका हिसाब भी लूंगा’। पीएम मोदी ने कहा कि आज एक तरफ तो भारत देश का संस्कार है, और दूसरी तरफ वंशवाद बोल रहा है। इसके साथ ही कहा कि आज एक तरफ विकास का एक मजबूत आधार है। वहीं दूसरी तरफ न नीयत है और न नीति है और न ही विचार है। पीएम मोदी ने न्यूनतम आय गारंटी योजना को लेकर कहा कि जब मैं देश के गरीबों के बैंक खाते खुलवाना शुरू किया था तो कुछ बुद्धजीवियों का कहना था कि देश में बैंक ही नहीं है खाते से क्या होगा। उन्होंने कहा जो 70 साल में गरीब का खाता नहीं खुलवा सके वो आज कहते हैं कि गरीब के खाते में पैसे डालेंगे।

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पीएम ने कहा कि ‘मिशन 2019’ की शुरुआत मेरठ से शुरु करने की भी खास वजह है…और वो ये है कि 1857 में सपना सजोएं और वही आकांक्षा दिल में लिए इसी मेरठ से स्वतंत्रता के आंदोलन का पहला बिगुला फूंका गया था। प्रधानमंत्री ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि जब दिल्ली में मिलावट की सरकार थी…तो आए दिन शहर के अलग-अलग कोने में धमाके होते थे पीएम ने कहा कि ये मिलावट की सरकार जो पहले थी ये आतंकियों की भी जात और पहचान देखते थे और उसी आधार पर फैसला करते थे कि किसे बचाना है या फिर किसे सजा देनी है।