प्रधानमंत्री कार्यालय ने मनरेगा खत्म करने का फैसला कैबिनेट से बिना पूछे किया: राहुल

प्रधानमंत्री कार्यालय ने मनरेगा खत्म करने का फैसला कैबिनेट से बिना पूछे किया: राहुल

प्रधानमंत्री कार्यालय ने मनरेगा खत्म करने का फैसला कैबिनेट से बिना पूछे किया: राहुल
Modified Date: December 27, 2025 / 03:30 pm IST
Published Date: December 27, 2025 3:30 pm IST

नयी दिल्ली, 27 दिसंबर (भाषा) कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) को खत्म करने का फैसला सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय ने किया और ऐसा करते समय कैबिनेट एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान से विचार-विमर्श नहीं किया गया।

गांधी ने कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘मनरेगा सिर्फ एक योजना नहीं थी, बल्कि यह अधिकार आधारित परिकल्पना थी। योजना को खत्म करना इस परिकल्पना पर आक्रमण है।’

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार का कदम देश के संघीय ढांचे कर हमला और सत्ता एवं वित्तीय व्यवस्था का केंद्रीकरण है।

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राहुल गांधी ने कहा, ‘मंत्री (शिवराज) और कैबिनेट से बिना पूछे यह निर्णय लिया गया है और सीधा प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा यह निर्णय लिया गया। ‘

उन्होंने कहा, ‘ ‘वन मैन शो’ चल रहा है, मोदी जो चाहते हैं वही करते हैं।’

संसद ने विपक्ष के हंगामे के बीच बीते 18 दिसंबर को ‘विकसित भारत-जी राम जी विधेयक, 2025’ को मंजूरी थी।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की संतुति के बाद अब यह अधिनियम बन चुका है। यह 20 साल पुराने मनरेगा की जगह लेगा।

भाषा हक पवनेश सिम्मी

सिम्मी


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