प्रधानमंत्री के ‘‘विकसित भारत’’ के संस्करण ने तो आम लोगों की जेब ही खाली कर दी : खरगे

प्रधानमंत्री के ‘‘विकसित भारत’’ के संस्करण ने तो आम लोगों की जेब ही खाली कर दी : खरगे

प्रधानमंत्री के ‘‘विकसित भारत’’ के संस्करण ने तो आम लोगों की जेब ही खाली कर दी : खरगे
Modified Date: February 27, 2025 / 03:27 pm IST
Published Date: February 27, 2025 3:27 pm IST

नयी दिल्ली, 27 फरवरी (भाषा) कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि 100 करोड़ भारतीयों के पास खर्च करने के लिए कोई अतिरिक्त आय नहीं है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘‘विकसित भारत’’ के संस्करण ने तो आम लोगों की जेब ही खाली कर दी तथा चुनिंदा अरबपतियों के खजाने भर दिए।

उन्होंने यह भी कहा कि भारत वैश्विक शुल्क को लेकर छिड़े युद्ध और व्यापार बाधाओं का सामना कर रहा है और केंद्रीय बजट की घोषणाएं बेमानी साबित हुई हैं।

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष खरगे ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘नरेन्द्र मोदी जी, 100 करोड़ भारतीय नागरिकों के पास खर्च करने के लिए कोई अतिरिक्त आय नहीं है… हमारी जीडीपी का 60 प्रतिशत उपभोग पर निर्भर है। लेकिन भारत में केवल शीर्ष 10 प्रतिशत लोग ही ऐसे हैं जो आर्थिक विकास और उपभोग को बढ़ावा देते हैं। शेष 90 प्रतिशत लोग तो बुनियादी दैनिक जरूरतों की खरीद करने में भी सक्षम नहीं हैं।’’

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उन्होंने कहा, ‘‘भारत में कर भुगतान करने वाली मध्यम वर्ग की 50 फीसदी आबादी के मानदेय में पिछले दशक में बहुत कम वृद्धि हुई या कोई वृद्धि नहीं हुई है। ग्रामीण मजदूरी में नकारात्मक वृद्धि देखी जा रही है। संपत्ति का संकेंद्रण बढ़ रहा है और आपकी नीतियां सभी के बीच आय वितरित करने में विफल रही हैं।’’

खरगे ने दावा किया कि पिछले 10 वर्षों के दौरान स्थिर मजदूरी, लगातार मुद्रास्फीति और घटती खपत के कारण घरेलू बचत 50 साल के निचले स्तर पर आ गई है तथा आय असमानता 100 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है और घरेलू कर्ज सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है।

उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘‘विकसित भारत’’ के संस्करण ने तो आम लोगों की जेब ही खाली कर दी और चुनिंदा अरबपतियों के खजाने भर दिए।

भाषा हक हक मनीषा

मनीषा


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