पुलिस ने बहु-राज्यीय साइबर धोखाधड़ी का भंडाफोड़ किया, 33 लाख रुपये के घोटाले में सरगना गिरफ्तार
पुलिस ने बहु-राज्यीय साइबर धोखाधड़ी का भंडाफोड़ किया, 33 लाख रुपये के घोटाले में सरगना गिरफ्तार
नयी दिल्ली, 15 दिसंबर (भाषा) दिल्ली पुलिस ने सीमा पार संबंधों से जुड़े एक बहु-राज्यीय साइबर धोखाधड़ी और हवाला गिरोह का भंडाफोड़ किया है तथा इसके कथित सरगना को लखनऊ से गिरफ्तार किया है, जो एक वरिष्ठ नागरिक से 33 लाख रुपये से अधिक की धोखाधड़ी में शामिल था। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि यह कार्रवाई 61 वर्षीय पीड़ित द्वारा दर्ज कराई गई ई-प्राथमिकी की जांच के दौरान की गई, जिसे एक फर्जी ऑनलाइन निवेश योजना के माध्यम से 33.10 लाख रुपये का चूना लगाया गया था।
पुलिस ने बताया कि जांच में पता चला कि धोखाधड़ी से प्राप्त रकम को कई बैंक खातों के ज़रिए स्थानांतरित किया गया, जिन्हें ‘बेलक्रेस्ट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड’ नाम की एक काल्पनिक कंपनी सहित फर्जी कंपनियों के ज़रिए संचालित किया जा रहा था तथा कुल राशि में से 10.68 लाख रुपये कंपनी से जुड़े खातों में पाए गए।
पुलिस उपायुक्त (अपराध) आदित्य गौतम ने बताया कि पूर्व में दिल्ली में गिरफ्तार किए गए दो आरोपियों से पूछताछ के आधार पर जांचकर्ता दीपांशु तक पहुंचे, जिसकी पहचान साइबर हवाला नेटवर्क के एक प्रमुख सूत्रधार के रूप में हुई है।
अधिकारियों के अनुसार, पुलिस ने रात भर चले अभियान में लखनऊ के मोहनलालगंज में उसका पीछा किया और उसे गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से दो मोबाइल फोन, तीन चेक बुक और दो डेबिट कार्ड बरामद किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि पूछताछ के दौरान, दीपांशु ने खुलासा किया कि उसने अपने आकाओं के निर्देशों पर बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से फर्जी निदेशकों की व्यवस्था की, फर्जी कंपनियां बनाईं और बैंक खाते खोले।
पुलिस ने कहा कि सीएसपी24सेवन टेक्नोलॉजीज और लेविन फिनटेक सहित फर्जी संस्थाओं के माध्यम से धनराशि को कई स्तरों पर जमा किया गया और हवाला चैनलों तथा क्रिप्टोकरंसी मार्गों के माध्यम से इसे निकाल लिया गया।
इसके अलावा, लखनऊ में निगरानी के दौरान, टीम को एक अन्य वांछित आरोपी ऋषभ सिंह की मौजूदगी के बारे में जानकारी मिली, जो दिल्ली में विशेष प्रकोष्ठ द्वारा दर्ज एनडीपीएस अधिनियम के एक मामले में फरार था।
लगातार निगरानी के बाद, दीपांशु और सिंह दोनों को एक ही इलाके से गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने बताया कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि सिंह ने दीपांशु को गिरफ्तारी से बचने में मदद करने के लिए उसके रहने की व्यवस्था की थी। पुलिस ने बताया कि मुख्य साजिशकर्ताओं, लाभार्थियों और सीमा पार संबंधों की पहचान के लिए जांच जारी है।
भाषा तान्या नेत्रपाल
नेत्रपाल

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