कोलकाता, 20 मई (भाषा) पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ विरोधी प्रदर्शनों से संबंधित हिंसा के पीड़ितों की पहचान और पुनर्वास के लिए कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा गठित समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि 11 अप्रैल को धुलियान में हुई घटनाओं के दौरान स्थानीय पुलिस ‘‘निष्क्रिय और अनुपस्थित’’ थी।
इसमें यह भी उल्लेख किया गया है कि मुर्शिदाबाद के धुलियान कस्बे में हमलों का निर्देश एक स्थानीय पार्षद ने दिया था।
तीन सदस्यीय समिति द्वारा उच्च न्यायालय को सौंपी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि धुलियान में कपड़ों के एक शोरूम में भी लूटपाट की गई थी।
‘‘मुख्य हमला’’ 11 अप्रैल की दोपहर को होने का जिक्र करते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘‘स्थानीय पुलिस पूरी तरह से निष्क्रिय और अनुपस्थित थी।’’
समिति में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के रजिस्ट्रार (कानून) जोगिंदर सिंह, पश्चिम बंगाल विधिक सेवा प्राधिकरण (डब्ल्यूबीएलएसए) के सदस्य सचिव सत्य अर्नब घोषाल और डब्ल्यूबीजेएस के रजिस्ट्रार सौगत चक्रवर्ती शामिल हैं।
समिति ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा और पीड़ितों से बात करने के बाद पिछले सप्ताह उच्च न्यायालय को अपनी रिपोर्ट सौंपी।
सत्रह अप्रैल को, उच्च न्यायालय ने मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा से विस्थापित हुए लोगों की पहचान और पुनर्वास के लिए समिति के गठन का आदेश दिया था।
न्यायमूर्ति सौमेन सेन और न्यायमूर्ति राजा बसु चौधरी की खंडपीठ ने कहा कि समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ‘‘राज्य द्वारा अपने नागरिकों के एक वर्ग की सुरक्षा करने में विफलता में सुधार करने का एकमात्र उपाय मूल्यांकन के लिए योग्य विशेषज्ञों की नियुक्ति करना है।’’
भाषा शफीक दिलीप
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