political crisis in Goa: महाराष्ट्र के बाद अब गोवा में राजनीतिक संकट गहराता जा रहा है। राजनीतिक स्थिति यहां अच्छी नजर नहीं आ रही है। सियासी पारा गरमाया हुआ है। गोवा में विधानसभा चुनाव गंवाने के बाद से ही कांग्रेस के अंदर अंदरूनी लड़ाई का दौर जारी है। सियासी गलियारे में चर्चा है कि अब पार्टी के 6 से 10 विधायक बीजेपी का दामन थाम सकते हैं। ऐसी स्थिति में गोवा में कांग्रेस की हालत और ज्यादा कमजोर हो जाएगी।
महाराष्ट्र के बाद गोवा में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। मर्गओ के एक होटल में कांग्रेस के सात विधायकों की आपसी मीटिंग हुई। बैठक में शामिल कांग्रेस विधायक एलेक्सो सिक्वेरा ने कहा कि इस मीटिंग के लिए आलाकमान ने नहीं बुलाया था। ये हम लोगों की आपसी शिष्टाचार मुलाकात थी।
बता दें कि वर्तमान में कांग्रेस के गोवा विधानसभा में 11 विधायक हैं। अगर 10 विधायक पार्टी का साथ छोड़ देते हैं, उस स्थिति में कांग्रेस के पास सिर्फ एक विधायक रह जाएगा। खबर है कि पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत और माइकल लोबो ने ही बागी तेवर दिखाए हैं और उनके समर्थन में कई कांग्रेस विधायक हैं। ये अलग बात है कि अभी तक दोनों ही नेता इन खबरों को सिर्फ अटकलें बता रहे हैं। अप्रैल में गोवा कांग्रेस के दिग्गज माइकल लोबो ने कहा था कि कांग्रेस जल्द ही गोवा में सरकार बनाएगी और 10 महीने में ही बदलाव देखने को मिल जाएगा लेकिन जुलाई आते ही राजनीतिक गलियारों में चर्चा होने लगी कि माइकल लोबो कांग्रेस के बाकी विधायकों के साथ बीजेपी में जा सकते हैं। अयोग्यता से बचने के लिए सामूहिक रूप से शामिल हो सकते हैं।
कलंगूट से कांग्रेस पार्टी के विधायक माइकल लोबो ने कहा कि गोवा कांग्रेस के एक या दो विधायक ही बीजेपी के संपर्क में हो सकते हैं। शायद ये वही है लोग हैं, जो अफवाहें फैला रहे हैं कि कांग्रेस के कुछ 10 विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं और कांग्रेस छोड़ने की योजना बना रहे हैं।”
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