भारत में मतदाता सूची तैयार करना दुनिया के सबसे कठिन और पारदर्शी कार्यों में से एक : सीईसी |

भारत में मतदाता सूची तैयार करना दुनिया के सबसे कठिन और पारदर्शी कार्यों में से एक : सीईसी

भारत में मतदाता सूची तैयार करना दुनिया के सबसे कठिन और पारदर्शी कार्यों में से एक : सीईसी

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Modified Date: June 11, 2025 / 03:27 PM IST
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Published Date: June 11, 2025 3:27 pm IST

दिल्ली, 11 जून (भाषा) मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने मतदाता सूचियों में गड़बड़ी के आरोपों के बीच कहा है कि भारत में मतदाता सूची तैयार करना दुनिया के सबसे कठिन और पारदर्शी कार्यों में से एक है।

कुमार ने मंगलवार को चुनावी शुचिता पर आयोजित स्टॉकहोम अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में यह भी कहा कि मतदाता सूची हर साल संशोधन के दौरान और चुनाव से पहले, कानून के अनुसार मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय दलों के साथ साझा की जाती है।

सीईसी ने कहा कि 1960 से दावों, आपत्तियों और अपीलों के प्रावधान के साथ नामावली मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ साझा की जाती रही है।

उनकी यह टिप्पणी कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों द्वारा चुनावों में धांधली के लिए मतदाता डेटा में हेराफेरी का आरोप लगाने के ठीक बाद आई है।

चुनाव आयोग ने इन आरोपों को बेतुका करार दिया है।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुमार ने कहा कि मतदाता सूची की तैयारी दुनिया की सबसे कठिन और पारदर्शी गतिविधियों में से एक है, जो चुनावी प्रक्रिया के सटीकता और इसकी शुचिता को मजबूत करती है।

निर्वाचन आयोग के अनुसार, सीईसी ने कहा कि इस मजबूत तंत्र ने वर्षों से देश भर में चुनावी विश्वसनीयता बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

सम्मेलन में लगभग 50 देशों के चुनाव प्रबंधन निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले 100 से अधिक प्रतिभागी भाग ले रहे हैं।

कुमार ने इस बात का उल्लेख किया कि पूरी चुनावी प्रक्रिया पर राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों, पुलिस, व्यय पर्यवेक्षकों और मीडिया द्वारा बारीकी से नजर रखी जाती है।

सीईसी ने कहा कि चुनाव के संचालन के समय मतदान कर्मचारियों, पुलिस बलों, पर्यवेक्षकों और राजनीतिक दलों के एजेंटों सहित दो करोड़ से से अधिक कर्मियों के साथ, चुनाव आयोग दुनिया का सबसे बड़ा संगठन बन जाता है, जो कई राष्ट्रीय सरकारों और प्रमुख वैश्विक निगमों के संयुक्त कार्यबल को पीछे छोड़ देता है और यह सुनिश्चित करता है कि भारत के लगभग एक अरब मतदाता स्वतंत्र रूप से अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने में सक्षम हों।

भाषा हक नरेश

नरेश

 

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