राष्ट्रपति ने तिरंगे के अपमान को बताया ‘दुर्भाग्यपूर्ण’, कृषि कानूनों का समर्थन किया

राष्ट्रपति ने तिरंगे के अपमान को बताया ‘दुर्भाग्यपूर्ण’, कृषि कानूनों का समर्थन किया

राष्ट्रपति ने तिरंगे के अपमान को बताया ‘दुर्भाग्यपूर्ण’, कृषि कानूनों का समर्थन किया
Modified Date: November 29, 2022 / 08:36 pm IST
Published Date: January 29, 2021 8:40 am IST

नयी दिल्ली, 29 जनवरी (भाषा) राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 26 जनवरी को प्रदर्शनकारी किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान लाल किले पर धार्मिक ध्वज फहराए जाने की घटना की पृष्ठभूमि में शुक्रवार को कहा कि गणतंत्र दिवस पर तिरंगे का अपमान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। साथ ही उन्होंने विवादों में घिरे तीन नये कृषि कानूनों का समर्थन करते हुए कहा कि छोटे किसानों को इनका लाभ तुरंत मिलना शुरू हो गया है।

कोविंद ने बजट सत्र के पहले दिन संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि उच्चतम न्यायालय ने इन तीनों कानूनों को लागू करने पर जो अंतरिम रोक लगायी है, सरकार उसका पूरा सम्मान करती है।

राष्ट्रपति ने कहा कि संविधान हमें अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार देता है, वहीं संविधान हमें सिखाता है कि कानून और नियम का भी उतनी ही गंभीरता से पालन करना चाहिए।

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उल्लेखनीय है कि तीनों कृषि कानून के खिलाफ कई किसान संगठनों के आंदोलन के मुद्दे पर कांग्रेस समेत करीब 20 विपक्षी पार्टियों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया।

कोविंद ने कहा, ‘‘व्यापक विमर्श के बाद संसद ने सात महीने पूर्व तीन महत्वपूर्ण कृषि सुधार, कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, कृषि (सशक्तीकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार विधेयक, और आवश्यक वस्तु संशोधन विधेयक पारित किए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इन कृषि सुधारों का सबसे बड़ा लाभ भी 10 करोड़ से अधिक छोटे किसानों को तुरंत मिलना शुरू हुआ। छोटे किसानों को होने वाले इन लाभों को समझते हुए ही अनेक राजनीतिक दलों ने समय-समय पर इन सुधारों को अपना भरपूर समर्थन दिया था।’’

राष्ट्रपति ने इस बात पर जोर दिया, ‘‘वर्तमान में इन कानूनों के क्रियान्वयन को देश की सर्वोच्च अदालत ने स्थगित किया हुआ है। मेरी सरकार उच्चतम न्यायालय के निर्णय का पूरा सम्मान करते हुए उसका पालन करेगी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘पिछले दिनों तिरंगे और गणतंत्र दिवस जैसे पवित्र दिन का अपमान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। जो संविधान हमें अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार देता है, वही संविधान हमें सिखाता है कि कानून और नियम का भी उतनी ही गंभीरता से पालन करना चाहिए।’’

कोविंद ने कहा, ‘‘ मेरी सरकार यह स्पष्ट करना चाहती है कि तीन नए कृषि कानून बनने से पहले, पुरानी व्यवस्थाओं के तहत जो अधिकार थे तथा जो सुविधाएं थीं, उनमें कहीं कोई कमी नहीं की गई है। बल्कि इन कृषि सुधारों के जरिए सरकार ने किसानों को नई सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ-साथ नए अधिकार भी दिए हैं।’’

उन्होंने यह भी बताया, ‘‘कृषि को और लाभकारी बनाने के लिए मेरी सरकार आधुनिक कृषि ढांचे पर भी विशेष ध्यान दे रही है। इसके लिए एक लाख करोड़ रुपए के कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर कोष की शुरुआत की गई है।’’

भाषा हक दीपक माधव वैभव

वैभव


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