Private School Fees News: अब स्कूल नहीं वसूल सकेंगे मनचाही फीस! फीस रेगुलेशन एक्ट 2025 हुआ लागू, BJP सरकार का बड़ा कदम, जानें नए कानून में क्या-क्या है खास

Private School Fees News: अब स्कूल नहीं वसूल सकेंगे मनचाही फीस! फीस रेगुलेशन एक्ट 2025 हुआ लागू, BJP सरकार का बड़ा कदम, जानें नए कानून में क्या-क्या है खास

Private School Fees News: अब स्कूल नहीं वसूल सकेंगे मनचाही फीस! फीस रेगुलेशन एक्ट 2025 हुआ लागू,  BJP सरकार का बड़ा कदम, जानें नए कानून में क्या-क्या है खास

Private School Fees News/Image Source: IBC24

Modified Date: December 12, 2025 / 09:02 pm IST
Published Date: December 12, 2025 9:02 pm IST
HIGHLIGHTS
  • दिल्ली में प्राइवेट स्कूलों पर बड़ी लगाम
  • फीस रेगुलेशन एक्ट 2025 हुआ लागू
  • दिल्ली सरकार ने लागू किया कड़ा कानून

दिल्ली: Private School Fees News:  राजधानी के प्राइवेट स्कूलों में फीस निर्धारण और रेगुलेशन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली सरकार ने दिल्ली स्कूल एजुकेशन एक्ट, 2025 को नोटिफाई कर दिया है। विधानसभा से पारित होने के चार महीने बाद इस कानून को उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना की मंजूरी मिल गई। नए कानून के लागू होने के साथ ही प्राइवेट स्कूल फीस वसूली के हर पहलू में अब पूर्ण पारदर्शिता और जवाबदेही के दायरे में आएंगे। स्कूल केवल सरकार द्वारा तय किए गए हेड्स के तहत ही शुल्क ले सकेंगे।

किन-किन मदों में होगी फीस वसूली? (Delhi school fee regulation)

Private School Fees News: नोटिफिकेशन के अनुसार अब रजिस्ट्रेशन फीस 25,एडमिशन फीस 200,कॉशन मनी – 500 रुपए ब्याज सहित वापसी अनिवार्य, ट्यूशन फीस, एनुअल फीस, डेवलपमेंट फीस- ट्यूशन फीस के अधिकतम 10% तक कानून में स्पष्ट किया गया है कि किसी भी तरह की कैपिटेशन फीस, या उससे जुड़े इनडायरेक्ट कलेक्शन पूरी तरह प्रतिबंधित रहेंगे। साथ ही, सभी यूज़र-बेस्ड सेवाओं के लिए फीस नो-प्रॉफिट, नो-लॉस बेसिस पर ही वसूली जाएगी, और वही छात्र इसे देंगे जो संबंधित सेवा का उपयोग करते हैं। कानून में बताई गई मदों से बाहर वसूली गई कोई भी राशि ग़लत और अवैध मानी जाएगी।

फीस न देने पर छात्रों पर कोई कार्रवाई नहीं (Delhi private school fees)

Private School Fees News: कानून के तहत स्कूलों को अब हर मद के लिए अलग बैंक अकाउंट रखना होगा। एक फिक्स्ड एसेट रजिस्टर अनिवार्य होगा। सभी वित्तीय लेन-देन पूरी तरह ट्रांसपेरेंट तरीके से रिकॉर्ड किए जाएंगे। पेरेंट्स से वसूला गया पैसा स्कूल चलाने वाली सोसाइटी या ट्रस्ट को ट्रांसफर नहीं किया जा सकेगा। अगर किसी वर्ष स्कूल के पास सरप्लस राशि बचती है, तो उसे या तो रिफंड करना होगा या भविष्य की फीस में एडजस्ट किया जाएगा। कानून के अनुसार, कोई भी स्कूल फीस न देने की स्थिति में छात्रों को निकाल नहीं सकेगा, उनका रिजल्ट नहीं रोक सकेगा, और न ही एडमिशन देने से मना कर सकेगा। हर स्कूल में बनेगी फीस रेगुलेशन कमेटी कानून की प्रमुख विशेषता यह है कि हर स्कूल में स्कूल-लेवल फीस रेगुलेशन कमेटी बनाई जाएगी।

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सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

लेखक के बारे में

टिकेश वर्मा- जमीनी पत्रकारिता का भरोसेमंद चेहरा... टिकेश वर्मा यानी अनुभवी और समर्पित पत्रकार.. जिनके पास मीडिया इंडस्ट्री में 12 वर्षों से अधिक का व्यापक अनुभव हैं। राजनीति, जनसरोकार और आम लोगों से जुड़े मुद्दों पर बेबाकी से सरकार से सवाल पूछता हूं। पेशेवर पत्रकारिता के अलावा फिल्में देखना, क्रिकेट खेलना और किताबें पढ़ना मुझे बेहद पसंद है। सादा जीवन, उच्च विचार के मानकों पर खरा उतरते हुए अब आपकी बात प्राथिकता के साथ रखेंगे.. क्योंकि सवाल आपका है।