नयी दिल्ली, 15 अप्रैल (भाषा) सरकार ने इस साल भारत के निजी श्रेणी के हज कोटे में कथित तौर पर ‘‘कटौती’’ किए जाने से जुड़ी रिपोर्ट को लेकर मंगलवार को कहा कि निजी टूर ऑपरेटर के समूह (सीएचजीओ) बार-बार याद दिलाए जाने के बावजूद सऊदी अरब की सरकार द्वारा निर्धारित समयसीमा का पालन करने में विफल रहे।
सरकार ने यह भी कहा कि उसके हस्तक्षेप के कारण सऊदी हज मंत्रालय मीना (सऊदी) में स्थान की उपलब्धता के आधार पर 10,000 हज यात्रियों के संबंध में अपना काम पूरा करने के मकसद से सीएचजीओ के लिए हज पोर्टल को फिर से खोलने पर सहमत हो गया है।
भारतीय हज समिति के माध्यम से अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय भारत को आवंटित 1,75,025 हज यात्रियों के कोटे के बड़े हिस्से की व्यवस्था करता है, जो वर्तमान में 1,22,518 है।
बाकी 52,507 हज यात्रियों का कोटा निजी टूर ऑपरेटरों को आवंटित किया गया है।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि उसके प्रयासों के परिणामस्वरूप, भारत के लिए देश का आवंटन, जो 2014 में 1,36,020 था, धीरे-धीरे 2025 में बढ़कर 1,75,025 हो गया है।
इस कोटे को सऊदी अधिकारियों द्वारा हजयात्रा के समय के करीब अंतिम रूप दिया जाता है।
बयान में कहा गया है, ‘‘भारतीय हज समिति के माध्यम से अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय भारत को आवंटित कोटे के बड़े हिस्से की व्यवस्था का प्रबंधन करता है, जो चालू वर्ष में 1,22,518 है। हवाई सेवा, परिवहन, मीना शिविर, आवास और अतिरिक्त सेवाओं सहित सभी व्यवस्थाएं सऊदी अरब की आवश्यकताओं के अनुसार दी गई समयसीमा के भीतर पूरी की गई हैं।’’
बयान के अनुसार, सऊदी अरब के दिशानिर्देशों में बदलाव के कारण, इस वर्ष मंत्रालय द्वारा 800 से अधिक निजी टूर ऑपरेटरों को 26 कानूनी संस्थाओं में शामिल किया गया, जिन्हें सीएचजीओ कहा गया।
मंत्रालय ने कानूनी चुनौतियों का समाधान करते हुए इन 26 सीएचजीओ को काफी पहले ही हज कोटा आवंटित कर दिया था।
बयान में कहा गया है, ‘‘हालांकि, बार-बार याद दिलाने के बावजूद, वे सऊदी अधिकारियों द्वारा निर्धारित जरूरी समयसीमा का पालन करने में विफल रहे और सऊदी नियमों के तहत आवश्यक शिविरों, हज यात्रियों के आवास और परिवहन सहित अनिवार्य अनुबंधों को अंतिम रूप देने में विफल रहे।’’
मंत्रालय का कहना है कि भारत सरकार इस मामले पर मंत्री स्तर सहित संबंधित सऊदी अधिकारियों के साथ लगातार बातचीत कर रही है।
सऊदी हज मंत्रालय ने हजयात्रियों की सुरक्षा के लिए अपनी चिंताओं पर प्रकाश डाला, विशेष रूप से मीना में, जहां हज के अरकानों (अनुष्ठानों) को सीमित स्थान में अत्यधिक गर्मी की स्थिति में पूरा किया जाना है।
इसमें यह भी रेखांकित किया गया कि देरी के कारण मीना में जगह की कमी हो गई।
मंत्रालय के अनुसार, सऊदी अधिकारियों ने आगे बताया है कि वे इस साल किसी भी देश के लिए समयसीमा नहीं बढ़ा रहे हैं।
बयान में कहा गया है, ‘‘सरकार के हस्तक्षेप के कारण, सऊदी हज मंत्रालय मीना में मौजूदा जगह की उपलब्धता के आधार पर 10,000 तीर्थयात्रियों के संबंध में अपना काम पूरा करने के लिए सभी सीएचजीओ को हज पोर्टल को फिर से खोलने पर सहमत हो गया है।’
मंत्रालय द्वारा सीएचजीओ को तत्काल ऐसा करने के निर्देश जारी किए गए हैं।
सऊदी अरब द्वारा भारतीय हजयात्रियों के लिए 52,000 से अधिक की संख्या रद्द करने की रिपोर्ट के बाद कई विपक्षी नेताओं ने चिंता व्यक्त की थी और केंद्र सरकार से इस मामले को उनके नेतृत्व के साथ उठाने का आग्रह किया था।
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अपने आधिकारिक ‘एक्स’ हैंडल पर लिखा, ‘52,000 से अधिक भारतीय जायरीन के हज स्लॉट रद्द किए जाने की खबर काफी चिंताजनक है, क्योंकि उनमें से कई पहले ही भुगतान कर चुके हैं। मैं माननीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर से गुजारिश करता हूं कि वे सभी प्रभावित जायरीन के हित में समाधान खोजने के लिए जल्द से जल्द सऊदी अधिकारियों से संपर्क करें। यह उपाय इस साल पवित्र यात्रा करने की उम्मीद कर रहे हजारों लोगों की परेशानी को कम करने के लिए अहम है।”
सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से इस संबंध में सऊदी नेतृत्व से बात करने की अपील की थी।
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि हज कोटा कम करने के अचानक लिए गए फैसले से जायरीन और टूर ऑपरेटरों दोनों को भारी परेशानी हुई है।
उन्होंने ‘एक्स’ पर कहा, “ सऊदी अरब से परेशान करने वाली खबर आ रही है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत के निजी हज कोटे में से 80 फीसदी की अचानक कटौती कर दी गई है। अचानक लिए गए इस फैसले से देश भर के हज जायरीन और टूर ऑपरेटरों को भारी परेशानी हो रही है। विदेश मंत्रालय से आग्रह है कि वह इस मामले को सऊदी सरकार के समक्ष उठाकर तत्काल हस्तक्षेप करे ताकि इसका समाधान निकाला जा सके।”
भाषा हक
हक नरेश
नरेश
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