ST-SC के सदस्यों को छेड़ा और उत्पीड़न किया तो खैर नहीं, जान लें ये नया नियम!
अनुसूचित जाति एवं जनजातियों के सदस्यों के उत्पीड़न की शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी: एनसीएससी उपाध्यक्ष
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श्रीनगर। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) के उपाध्यक्ष अरूण हलदर ने बुधवार को कहा कि अनुसूचित जातियों एवं जनजातियों के सदस्यों के उत्पीड़न की शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी।
हलदर ने उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले के गुलमर्ग में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इन दोनों समुदायों के सदस्य किसी भी सूचना या अपनी शिकायतों के निवारण के लिए आयोग से संपर्क कर सकते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ यदि बलात्कार या हत्या जैसा कोई अपराध अनुसूचित समुदाय के सदस्यों के साथ किया जाता है और यदि यह अपराध अन्य जाति का कोई व्यक्ति करता है तो आरोपी पर अत्याचार रोकथाम कानून के तहत आरोप लगाया जाएगा।’’
उन्होंने कहा कि प्राथमिकी दर्ज किये जाने के बाद पीड़ित के परिवार को सवा चार लाख रुपये मिलेंगे और यह राशि जिला प्रशासन एवं समाज कल्याण विभाग देंगे। उपाध्यक्ष ने कहा, ‘‘ जब आरोपपत्र दाखिल किया जाता है तब परिवार को अन्य सवा चार लाख रुपये मिलेंगे। यह संविधान के अनुरूप है तथा अनुसूचित जाति/जनजाति के लोगों को ये अधिकार प्राप्त हैं लेकिन दुर्भाग्य से उनमें से ज्यादातर लोग अपने अधिकारों से वाकिफ नहीं हैं।’’

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