कोरोना वायरस के खिलाफ सुरक्षात्मक प्रतिरक्षा महीनों बाद तक रह सकताी है : अध्ययन

कोरोना वायरस के खिलाफ सुरक्षात्मक प्रतिरक्षा महीनों बाद तक रह सकताी है : अध्ययन

कोरोना वायरस के खिलाफ सुरक्षात्मक प्रतिरक्षा महीनों बाद तक रह सकताी है : अध्ययन
Modified Date: November 29, 2022 / 08:19 pm IST
Published Date: January 7, 2021 9:40 am IST

नयी दिल्ली, सात जनवरी (भाषा) एक अध्ययन के अनुसार कोविड-19 संक्रमण से उबर चुके लोगों में सार्स-कोव-2 वायरस से पैदा होने वाली गंभीर बीमारियों के खिलाफ महीनों या वर्षों बाद तक सुरक्षात्मक प्रतिरक्षा रह सकती है।

यह निष्कर्ष कोविड-19 के 188 रोगियों के रक्त नमूनों के विश्लेषण के आधार पर निकाला गया है और इसमें कहा गया है कि रोग से उबर चुके लगभग सभी लोगों में पुन: संक्रमण से लड़ने के लिए आवश्यक प्रतिरक्षा कोशिकाएं हैं।

अमेरिका के ला जोला इंस्टीट्यूट फॉर इम्यूनोलॉजी में प्रोफेसर एलेसेंड्रो सेट्टे के अनुसार, ‘हमारे आंकड़ों का कहना है कि प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया है और यह कायम रहती है।’

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अध्ययनकर्ताओं ने एक ही समय ‘एंटीबॉडी, बी कोशिकाओं, टी कोशिकाओं और घातक टी कोशिकाओं’’ पर गौर किया। ये चारों घटक प्रतिरक्षा के लिहाज से अहम हैं।

यह अध्ययन ‘साइंस’ नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है और इससे अन्य संस्थानों के उन आंकड़ों को स्पष्ट करने में मदद मिलती है जिनमें कहा गया है कि संक्रमण के बाद के महीनों में कोविड से लड़ने वाले एंटीबॉडी में खासी कमी आती है।

कुछ लोगों की आशंका रही है कि एंटीबॉडी में गिरावट का अर्थ है कि शरीर पुन: संक्रमण से बचाव के लिए तैयार नहीं हो पाएगा।

सेट्टे ने स्पष्ट किया कि एंटीबॉडी में गिरावट बहुत सामान्य बात है। उन्होंने कहा, ‘‘निश्चित रूप से, प्रतिरक्षा क्षमता समय के साथ कुछ हद तक कम हो जाती है, लेकिन यह सामान्य बात है।’

भाषा

अविनाश नरेश

नरेश


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