आरोप साबित करें या इस्तीफा दें, आरोप सही हुए तो मैं इस्तीफा दे दूंगा: कांग्रेस अध्यक्ष खरगे
आरोप साबित करें या इस्तीफा दें, आरोप सही हुए तो मैं इस्तीफा दे दूंगा: कांग्रेस अध्यक्ष खरगे
नयी दिल्ली, तीन अप्रैल (भाषा) राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने अनुराग ठाकुर द्वारा लोकसभा में उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों पर बृहस्पतिवार को कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि भाजपा सदस्य आरोप साबित करें या इस्तीफा दें और अगर आरोप सही हुए तो वह इस्तीफा दे देंगे।
खरगे ने आरोपों को निराधार करार देते हुए साथ ही कहा कि इन टिप्पणियों से उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है।
कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने ठाकुर को अपने आरोप साबित करने की चुनौती देते हुए कहा,‘‘ अगर भाजपा सांसद अपने आरोपों को साबित नहीं कर सकते तो उन्हें संसद में रहने का कोई अधिकार नहीं है। उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। अगर आरोप साबित हो जाते हैं, तो मैं इस्तीफा दे दूंगा।’’
खरगे के इतना कहने के बाद विपक्षी सदस्य सदन से बहिर्गमन कर गए।
सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि पार्टियों को अपनी प्रतिष्ठा को सुधारने और बचाने के लिए जिम्मेदारी लेनी होगी।
लोकसभा में कल वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 पर चर्चा में भाग लेते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ठाकुर ने कर्नाटक में कई कांग्रेस नेताओं पर वक्फ संपत्तियों में भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाते हुए दावा किया था कि विपक्षी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का नाम भी इसमें आया है।
इसके लिए ठाकुर ने कुछ खबरों का हवाला भी दिया था।
आज राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस सदस्यों के हस्तक्षेप के कारण, भाजपा सांसद को निचले सदन में वक्फ़ विधेयक पर बहस के दौरान की गई अपनी अपमानजनक टिप्पणी वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा।
खरगे ने कहा, ‘‘लेकिन नुकसान तो हो चुका है।’’
कांग्रेस अध्यक्ष ने मांग की कि इस मुद्दे पर ठाकुर के साथ-साथ राज्यसभा में सदन के नेता जे पी नड्डा को भी माफी मांगनी चाहिए।
खरगे ने कहा, ‘‘मेरा करीब 60 साल का राजनीतिक जीवन एक खुली किताब की तरह है। कल अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में मुझ पर पूरी तरह झूठे और निराधार आरोप लगाए। जब मेरे सहयोगियों ने उन्हें चुनौती दी, तो उन्हें अपनी अपमानजनक टिप्पणी वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा। लेकिन नुकसान तो हो चुका है।’’
उन्होंने कहा कि अनुराग ठाकुर के टिप्पणी वापस लेने के बावजूद, मीडिया और विभिन्न सोशल मीडिया मंचों पर यह मुद्दा छाया रहा।
खरगे ने कहा, ‘‘मैं आज अनुराग ठाकुर के बेबुनियाद आरोपों की निंदा करने के लिए मजबूर हूं। मैं सदन के नेता से माफी की उम्मीद करता हूं, कम से कम इतना तो सत्तारूढ़ पार्टी कर ही सकती है और उसे यह करना चाहिए।’’
खरगे ने आरोपों को निराधार करार देते हुए कहा कि भाजपा सदस्य उन पर लगाए गए आरोप साबित करें या इस्तीफा दें और अगर आरोप सही हुए तो वह इस्तीफा दे देंगे।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने भाजपा सांसद को यह भी साबित करने की चुनौती दी कि उन्होंने या उनके बच्चों ने वक्फ भूमि का एक इंच भी कब्जा किया है।
उन्होंने कहा कि वह एक मजदूर के बेटे हैं और कांग्रेस की ब्लॉक कमेटी के अध्यक्ष के पद से आगे बढ़ कर अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) के अध्यक्ष बनने के तक उन्होंने कड़ी मेहनत की है।
उन्होंने यह भी कहा कि उनके 60 साल के लंबे राजनीतिक जीवन में किसी ने भी उन पर उंगली नहीं उठाई। उन्होंने कहा ‘मैं ऐसा व्यक्ति हूं … अगर ये भाजपा के लोग मुझे डराना चाहते हैं और मुझे झुकना चाहते हैं, तो मैं उन्हें याद दिला दूं कि टूट जाउंगा लेकिन झुकूंगा नहीं।’’
खरगे ने जब अपनी बात पूरी कर ली तब आसन की अनुमति से केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने कहा, ‘‘हमने विपक्ष के नेता की पीड़ा और उनके द्वारा व्यक्त किए गए शब्दों को सुना। मैंने पहले भी कहा है, एक सहयोगी के रूप में, हमें एक-दूसरे के प्रति और मल्लिकार्जुन खरगे के प्रति उच्च सम्मान रखना चाहिए।’’
इस दौरान विपक्षी दलों के सदस्यों द्वारा हंगामा किए जाने के कारण रीजीजू अपनी बात पूरी नहीं कर सके।
सभापति धनखड़ ने कहा कि उन्होंने अत्यधिक संयम बनाए रखा है। उन्होंने संकेत दिया है कि न केवल विपक्ष के नेता बल्कि प्रधानमंत्री सहित उच्च संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों का आचरण ऐसा हो कि उन्हें कभी पछतावा न हो।
उन्होंने कहा ‘‘सदस्यगण, आपकी उपस्थिति में अभी जयराम रमेश ने आसन पर यह निर्मम आरोप लगाया कि आसन इस मुद्दे से ध्यान हटा रहा है।’’
उन्होंने कहा ‘‘कृपया मेरे शब्दों पर गौर करें, आपके सभापति को जयराम रमेश ने चीयर लीडर कहा था। और मेरी पीड़ा की कल्पना करें जब एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने इस सदन के पवित्र परिसर में सभापति की एक नकल उतारे जाने की वीडियोग्राफी की थी। उस समय देश के लाखों लोगों के दर्द की कल्पना कीजिये जब आपने केवल प्रतिष्ठा को धूमिल करने, उसे खराब करने के लिए बाहर की यात्रा की।’’
सभापति ने आगे कहा कि ‘‘राणा सांगा’’ के मुद्दे पर टिप्पणी को लेकर उन्होंने गहन विचारविमर्श किया।
उन्होंने कहा ‘‘मैंने निजी पक्ष को जाहिर नहीं किया कि सैनिक स्कूल के जिस मकान में मैं रहता था वह राणा सांगा के नाम पर था। एक महान सपूत… और ऐसी कोई प्रतिक्रिया नहीं…. मैंने सदन में विपक्ष के नेता के प्रति उच्चतम सम्मान जाहिर किया लेकिन अगर आप राजनीतिकरण करना चाहते हैं तो सभापति के पास इसे कार्यवाही से हटाने के अलावा क्या विकल्प होना चाहिए ….. ?’’
धनखड़ ने आगे कहा कि उन्होंने घनश्याम तिवाड़ी की अध्यक्षता वाली आचार समिति को एक जिम्मेदारी सौंपी है जो विशेषज्ञों से संपर्क कर एक व्यवस्था तैयार करने की कोशिश करे ताकि सदस्यों को परामर्श दिया जा सके।
उन्होंने कहा ‘‘इसलिए मेरा अनुरोध है कि हर कोई, चाहे वह प्रधानमंत्री हों, सदन के नेता हों, विपक्ष के नेता हों, मेरे लिए, हर सदस्य की एक प्रतिष्ठा है और उसका संरक्षण होना चाहिए। ….और इसीलिए जो कुछ कार्यवाही से हटाया गया है, उसे तवज्जो नहीं दी जानी चाहिए।’’
भाषा
मनीषा माधव
माधव

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