चंडीगढ़, 31 अगस्त (भाषा) पंजाब सरकार ने पंचायतों को भंग करने के संबंध में “तकनीकी रूप से त्रुटिपूर्ण” निर्णय के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया। इससे कुछ घंटे पहले सरकार ने इस मामले में “यू-टर्न” लेते हुए उच्च न्यायालय को बताया था कि उसने राज्य में सभी ग्राम पंचायतों को भंग करने की अपनी अधिसूचना वापस ले ली है।
एक आधिकारिक आदेश के अनुसार सरकार ने अखिल भारतीय सेवा (अनुशासन एवं अपील) नियम, 1969 के नियम 3 (1) के प्रावधानों के तहत 1994-बैच के आईएएस अधिकारी व ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग के प्रधान सचिव धीरेंद्र कुमार तिवारी और 2009-बैच के आईएएस अधिकारी गुरप्रीत सिंह खैरा को निलंबित कर दिया। खैरा ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग के निदेशक और पदेन विशेष सचिव हैं।
निलंबन का आदेश मुख्य सचिव अनुराग वर्मा ने जारी किया।
इससे पहले दिन में, आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय को सूचित किया कि वह राज्य में सभी ग्राम पंचायतों को भंग करने की अधिसूचना वापस ले रही है। इस अधिसूचना से भगवंत मान सरकार के लिए बड़ी असहज स्थिति हो गयी थी।
ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने कहा कि राज्य सरकार ने पंचायतों को भंग करने के संबंध में ‘तकनीकी रूप से त्रुटिपूर्ण’ निर्णय लेने के लिए ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग के प्रधान सचिव और निदेशक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
भाषा जोहेब वैभव
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