कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल के सहयोगी को अमृतसर जेल से रिहा किया गया |

कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल के सहयोगी को अमृतसर जेल से रिहा किया गया

कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल के सहयोगी को अमृतसर जेल से रिहा किया गया

:   Modified Date:  February 24, 2023 / 06:22 PM IST, Published Date : February 24, 2023/6:22 pm IST

अमृतसर (पंजाब), 24 फरवरी (भाषा) कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह के सहयोगी तथा अपहरण के मामले में आरोपी लवप्रीत सिंह ‘तूफान’ को शुक्रवार को यहां जेल से रिहा कर दिया गया।

पंजाब के अजनाला की एक अदालत ने लवप्रीत सिंह को रिहा करने का आदेश दिया था और इसके कुछ घंटे बाद उसे अमृतसर केंद्रीय जेल से रिहा कर दिया गया।

खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के समर्थकों ने लवप्रीत सिंह की रिहाई को लेकर बृहस्पतिवार को अजनाला पुलिस थाने पर धावा बोल दिया था।

उपदेशक के समर्थकों ने बैरिकेड तोड़ दिये थे और यहां पुलिस थाना परिसर में बृहस्पतिवार को हंगामा किया था। इस दौरान कुछ समर्थकों के हाथों में तलवारें और बंदूकें थीं। समर्थक मांग कर रहे थे कि लवप्रीत सिंह उर्फ ‘तूफान’ को रिहा किया जाए।

पंजाब पुलिस ने लवप्रीत सिंह को उसे इस आधार पर रिहा करने के लिए अदालत में एक अर्जी दी थी कि वह उक्त मामले में शामिल नहीं था और अपराध के समय मौजूद नहीं था।

शुक्रवार को पुलिस थाने और अजनाला में कड़ी सुरक्षा की गई। जब लवप्रीत सिंह जेल से बाहर आया तो उसके समर्थकों ने उसका स्वागत किया।

अदालत द्वारा आदेश जारी करने के बाद अजनाला में पत्रकारों से बातचीत में अमृतपाल सिंह ने अपने सहयोगी की रिहाई को ‘‘पंथ की जीत’’ करार दिया।

अमृतपाल ने कहा, ‘‘उसे (लवप्रीत) झूठे मामले में जेल में डाल दिया गया था।’’

अमृतपाल को अक्सर खालिस्तान समर्थक के रूप में बताया जाता है और वह ‘वारिस पंजाब दे’ नामक एक संगठन का प्रमुख है।

अजनाला की उपसंभागीय न्यायिक मजिस्ट्रेट मनप्रीत कौर ने अपने आदेश में कहा कि चूंकि जांच अधिकारी को आरोपी की न्यायिक हिरासत की जरूरत नहीं है, इसलिए लवप्रीत सिंह को हिरासत से छोड़ा जाता है और रिहा किया जाता है।

उन्होंने कहा, ‘‘संबंधित थाना प्रभारी को मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया जाता है। इस संबंध में आवश्यक सूचना जेल अधीक्षक, अमृतसर को भेजी जाए।’’

अमृतपाल सिंह और उसके समर्थकों के खिलाफ रूपनगर जिले के चमकौर साहिब के निवासी वरिंदर सिंह के कथित अपहरण और उससे मारपीट के लिए मामला दर्ज किया गया है।

वरिंदर सिंह ने अपनी शिकायत में पुलिस से कहा था कि अमृतपाल सिंह के साथियों ने अजनाला से उसे अगवा कर लिया था और वे उसे किसी अज्ञात स्थान पर ले गये थे जहां उसके साथ बुरी तरह मारपीट की गयी।

आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 365 (अपहरण), 323 (जानबूझकर चोट पहुंचाना), 506 (आपराधिक धमकी), 148 (दंगा) और 149 (गैरकानूनी जमावड़ा) सहित विभिन्न प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया था।

अधिकारियों ने बताया कि बृहस्पतिवार को हुई इस घटना में छह पुलिसकर्मी घायल हो गये थे।

अमृतपाल सिंह ने आरोप लगाया कि पुलिस ने बिना किसी उकसावे के बृहस्पतिवार को उसके कुछ समर्थकों के खिलाफ बल प्रयोग किया। उसने कहा, ‘‘कल जो स्थिति बनी वह टल सकती थी, अगर पुलिस ने हमारी बात सुनी होती। जो हालात बने वे मैंने नहीं बनाए। प्रशासन ने पहले समय मांगा था, हमने उन्हें बुधवार तक का समय दिया। हम बृहस्पतिवार को यहां आए।’’

अमृतपाल ने कहा, ‘‘हमने लवप्रीत और अपनी बेगुनाही से संबंधित पर्याप्त सबूत दिए हैं।’’

बृहस्पतिवार को बड़ी संख्या में पुलिस बल निगरानी करता रहा, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की, क्योंकि उपदेशक और अन्य प्रदर्शनकारी घंटों तक अजनाला पुलिस थाने में डटे रहे थे।

अमृतपाल सिंह और उसके समर्थक थाने में ‘अमृत संचार’ (सिख समारोह) आयोजित करने के लिए गुरु ग्रंथ साहिब की एक प्रति ले जाने वाला एक वाहन भी लाए थे। ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन की स्थापना अभिनेता एवं कार्यकर्ता दीप सिद्धू ने की थी, जिनकी पिछले साल फरवरी में एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी।

भाषा

देवेंद्र नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)