पहली बार में ही जान गए थे राहुल गांधी…कांग्रेस में शामिल नहीं होंगे प्रशांत किशोर! एक दो बार नहीं 8 बार हुई बातचीत

कई दौर की बातचीत के बाद भी कांग्रेस और प्रशांत किशोर के बीच बात बन नहीं पाई। पार्टी सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी पहले दिन ही बता दिया था कि पीके कांग्रेस में नहीं शामिल होंगे।

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:43 PM IST
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Published Date: April 28, 2022 11:57 am IST
पहली बार में ही जान गए थे राहुल गांधी…कांग्रेस में शामिल नहीं होंगे प्रशांत किशोर! एक दो बार नहीं 8 बार हुई बातचीत

नई दिल्ली। Prashant Kishor not join Congress: कई दौर की बातचीत के बाद भी कांग्रेस और प्रशांत किशोर के बीच बात बन नहीं पाई। पार्टी सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी पहले दिन ही बता दिया था कि पीके कांग्रेस में नहीं शामिल होंगे। वहीं पीके के करीबी सूत्रों का भी कहना है कि राहुल गांधी और उनके बीच संदेह कभी दूर ही नहीं हुआ। वे दोनों एक दूसरे की आलोचना करते थे।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp  ग्रुप से जुड़ने के लिए Click करें*<<

कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने पीके को चुनाव से जुड़ी जिम्मेदारी देने का प्रस्ताव रखा था और इसके लिए एंपावर्ड कांग्रेस कमिटी का गठन किया गया था। हालांकि सूत्रों की मानें तो प्रशांत किशोर या तो कांग्रेस अध्यक्ष के राजनीतिक सचिव बनना चाहते थे या फिर उपाध्यक्ष बनना चाहते थे। यानी वह पार्टी में नंबर दो की पोजीशन ही चाहते थे।

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राहुल गांधी ने चर्चा के पहले ही दिन कह दिया था कि वह पार्टी में शामिल नहीं होंगे क्योंकि यह पहली बार नहीं था जब उन्हें कांग्रेस में जगह देने का ऑफर किया गया था। पार्टी के सूत्रों का कहना है कि आठवीं बार कांग्रेस और प्रशांत किशोर की बीच बातचीत हो रही थी। राहुल गांधी पहले से ही पीके के प्रति बेरुखी अख्तियार कर रहे थे। ऐन मौके पर वह विदेश चले गए। यहां प्रियंका गांधी और सोनिया गांधी के साथ प्रशांत किशोर ने चर्चा की।

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पैनल में मौजूद कई नेताओं को लगा कि पीके जो प्रजेंटेशन दे रहे हैं और जो प्लान बता रहे हैं, वह स्थायी नहीं है। वह केवल कांग्रेस के प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करना चाहते हैं और दूसरी पार्टियों के साथ काम करना चाहते हैं। जब उनसे IPAC के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कह दिया था कि वह कंपनी के सबसे बड़े शेयरहोल्डर नहीं हैं और उनका कंपनी पर कोई नियंत्रण नहीं है। पीके के करीबी सूत्रों के मुताबिक उन्हें लगता था कि पार्टी में सुधार लाने के लिए शीर्ष नेतृत्व कड़े फैसले नहीं ले पाएगा। वह कांग्रेस अध्यक्ष तक बदलने का प्लान बता रहे थे।