फिर तन गए राहुल गाँधी, मोदी सरनेम मामले पर माफ़ी मांगने से किया इंकार, समझौता करना होता तो पहले कर लिया होता
Modi surname case update
नई दिल्ली: मोदी सरनेम मामले पर कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने माफी मांगने से साफ़ इंकार कर दिया है। उन्होंने यह भी कहा है कि अगर माफ़ी मांगना या समझौता करना होता तो पहले ही कर लेते। राहुल गाँधी ने अपने हलफनामे में इस बात का जिक्र किया है। (Rahul gandhi mafinama) गौर करने वाली बात है कि उन्हें इसी मामले पर संसद की सदस्यता से अयोग्य करार दिया गया था गांधी ने हालांकि उच्चतम न्यायालय से अपनी टिप्पणी से उत्पन्न आपराधिक मानहानि मामले में अपनी सजा पर रोक लगाने का आग्रह किया और इस बात पर जोर दिया कि वह दोषी नहीं हैं।
शीर्ष अदालत के समक्ष दायर एक हलफनामे में, गांधी ने कहा कि मोदी ने अपने जवाब में उनके लिए “अहंकारी” जैसे “निंदात्मक” शब्दों का इस्तेमाल केवल इसलिए किया क्योंकि उन्होंने माफी मांगने से इनकार कर दिया है गांधी ने अपने हलफनामे में कहा, ‘‘याचिकाकर्ता को बिना किसी गलती के माफी मांगने के लिए मजबूर करने के लिए आपराधिक प्रक्रिया और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत प्रभावों का उपयोग करना न्यायिक प्रक्रिया का घोर दुरुपयोग है और इस न्यायालय द्वारा इसे स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए।
उन्होंने हलफनामे में कहा, ‘‘इसलिए प्रार्थना की जाती है कि राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाई जाए, जिससे वह लोकसभा की चल रही बैठकों और उसके बाद के सत्रों में हिस्सा ले सकें उन्होंने दावा किया कि रिकॉर्ड में ‘मोदी’ नाम का कोई समुदाय या “समाज” नहीं है और इसलिए, समग्र रूप से मोदी समुदाय को बदनाम करने का अपराध नहीं बनता है।
हलफनामे में कहा गया है, ‘‘रिकॉर्ड में कोई मोदी समाज या समुदाय नहीं है और केवल मोदी वणिका समाज या मोध घांची समाज ही अस्तित्व में है। उन्होंने (शिकायतकर्ता) ने यह भी स्वीकार किया है कि मोदी उपनाम विभिन्न अन्य जातियों के अंतर्गत आता है यह भी स्वीकारोक्ति है कि नीरव मोदी, (Rahul gandhi mafinama) ललित मोदी और मेहुल चोकसी सभी एक ही जाति में नहीं आते।

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