सीआईसी में नियुक्तियों को लेकर राहुल के दावों को किया गया खारिज
सीआईसी में नियुक्तियों को लेकर राहुल के दावों को किया गया खारिज
नयी दिल्ली, 12 दिसंबर (भाषा) केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) में रिक्त पदों को भरने के लिए एक उच्चस्तरीय समिति ने वंचित तबके के पांच लोगों के नामों की सिफारिश की है। सूत्रों ने यह जानकारी दी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के उस दावे को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि अंतिम सूची में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक समुदाय के नाम नहीं हैं।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने मुख्य सूचना आयुक्त और आठ सूचना आयुक्तों के चयन के लिए बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और अपनी सदस्यता वाली तीन सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति की बैठक में असहमति जताई थी।
सूत्रों ने गांधी के दावों को खारिज करते हुए कहा कि तीन सदस्यीय समिति ने केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) में रिक्त पदों को भरने के लिए आठ नामों को अंतिम रूप दिया था।
सूत्रों के मुताबिक, बैठक में सूचना आयुक्तों के जिन आठ रिक्त पदों पर विचार किया गया, उनके लिए केंद्र ने अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और अल्पसंख्यक समुदाय के एक-एक प्रतिनिधि तथा एक महिला के नाम की सिफारिश की।
कुल मिलाकर, सुझाए गए आठ नामों में से पांच वंचित तबके से थे।
सीआईसी की स्थापना 2005 में हुई थी। सूत्रों ने कहा कि 2005 से 2014 तक, संप्रग सरकार के शासनकाल में, एससी/एसटी समुदाय से एक भी व्यक्ति को आयोग का सदस्य या अध्यक्ष नहीं बनाया गया।
उन्होंने कहा कि राजग सरकार ने ही 2018 में एसटी समुदाय के सुरेश चंद्रा को सीआईसी में नियुक्त किया था।
सूत्रों के मुताबिक, 2020 में, हीरालाल समरिया को सूचना आयुक्त बनाया गया और 2023 में वह मुख्य सूचना आयुक्त बने। वह इस पद पर नियुक्त किये जाने वाले अनुसूचित जाति के पहले व्यक्ति थे।
भाषा वैभव सुभाष
सुभाष

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