राजस्थान में बाड़मेर रिफाइनरी से जुड़ी मंजूरियां दिलवाएं प्रधानमंत्री मोदी: गहलोत

राजस्थान में बाड़मेर रिफाइनरी से जुड़ी मंजूरियां दिलवाएं प्रधानमंत्री मोदी: गहलोत

राजस्थान में बाड़मेर रिफाइनरी से जुड़ी मंजूरियां दिलवाएं प्रधानमंत्री मोदी: गहलोत
Modified Date: December 7, 2024 / 09:14 pm IST
Published Date: December 7, 2024 9:14 pm IST

जयपुर, सात दिसंबर (भाषा) राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अपील की कि वह प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को निर्देश देकर बाड़मेर रिफाइनरी से जुड़ी मंजूरियां जारी करवाएं।

मोदी सोमवार को यहां जयपुर में ‘राइजिंग राजस्थान’ निवेश शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे।

गहलोत ने बाड़मेर रिफाइनरी की मंजूरियों से जुड़ा मुद्दा उठाते हुए सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राइजिंग राजस्थान कार्यक्रम के लिए जयपुर आने वाले हैं। मैं उनसे राजस्थान के हित में निवेदन करता हूं कि वो पीएमओ को निर्देश देकर बाड़मेर रिफाइनरी से संबंधित सभी अनुमतियां दिलवाएं और यहां पीसी-पीआईआर का काम शुरू करवाएं।”

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कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्होंने दो जून 2023 को बाड़मेर रिफाइनरी में कार्य की प्रगति समीक्षा बैठक की तब रिफाइनरी प्रशासन ने 31 दिसंबर 2024 से व्यवसायिक उत्पादन शुरू करने का आश्वासन दिया था परन्तु अब इस तारीख तक काम पूरा होने के आसार नहीं नजर आ रहे।

उन्होंने कहा कि रिफाइनरी से निकलने वाले ‘बाय प्रोडक्ट’ से बनने वाले उत्पादों के लिए बाड़मेर से जोधपुर के बीच पेट्रोलियम केमिकल्स एंड पेट्रो इन्वेस्टमेंट रीजन (पीसी-पीआईआर) विकसित किया जाना था, जिसमें तमाम तरीके के उद्योग लगाए जाने थे।

गहलोत ने कहा कि उनकी सरकार ने इसके लिए 2021 में ही जमीन आवंटन करते हुए काम आगे बढ़ा दिया था, परन्तु नई भाजपा सरकार आने के बाद पीसी-पीआईआर का काम एकदम ठप पड़ गया है।

उन्होंने कहा कि कथित ‘डबल इंजन’ सरकार के बावजूद भी भारत सरकार ने पीसी-पीआईआर के लिए जरूरी अनुमतियों को अभी तक लंबित रखा है, जिसकी वजह से रिफाइनरी शुरू होने के बाद भी इन सब बाय प्रोडक्ट की दूसरे राज्यों में प्रोसेसिंग होगी।

उन्होंने कहा कि पीसी-पीआईआर से लगभग 1.5 लाख नए रोजगारों की उम्मीद थी, जो अभी धूमिल होती दिख रही है।

गहलोत ने कहा, “जनता भूली नहीं है कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार (2013-2018) के समय रिफाइनरी का काम पांच साल अटकाए रखा गया था जिससे इसकी निर्माण लागत 40,000 करोड़ से लगभग दोगुनी हो गई और राज्य सरकार पर अनावश्यक वित्तीय भार पड़ा।”

उन्होंने कहा कि अब पीसी-पीआईआर के काम में अनावश्यक देरी करने से यहां लगने वाले उद्योग दूसरे राज्यों को मिल जाएंगे और यहां के युवाओं को मिलने वाले मौके भी समाप्त हो जाएंगे।

भाषा पृथ्वी जोहेब

जोहेब


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