राजस्थान: अरावली की सुरक्षा को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं और सामाजिक संगठनों का प्रदर्शन

राजस्थान: अरावली की सुरक्षा को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं और सामाजिक संगठनों का प्रदर्शन

राजस्थान: अरावली की सुरक्षा को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं और सामाजिक संगठनों का प्रदर्शन
Modified Date: December 22, 2025 / 04:13 pm IST
Published Date: December 22, 2025 4:13 pm IST

जयपुर, 22 दिसंबर (भाषा) कांग्रेस की राजस्थान इकाई के कार्यकर्ताओं और विभिन्न सामाजिक संगठनों ने अरावली पर्वतमाला की सुरक्षा की मांग को लेकर सोमवार को अलग-अलग हिस्सों में प्रदर्शन किया।

उदयपुर में जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प के बाद कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया गया।

कांग्रेस कार्यकर्ता और विभिन्न संगठनों के सदस्य कलेक्ट्रेट के बाहर जमा हुए, नारे लगाए और अरावली पर्वतमाला को बचाने के लिए कार्रवाई की मांग की।

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प्रदर्शनकारियों की पुलिस से झड़प के बाद विरोध प्रदर्शन तेज हो गया।

करणी सेना और स्थानीय सामुदायिक समूहों ने अरावली की पहाड़ियों व पर्वतमाला की परिभाषा पर उच्चतम न्यायालय के आदेश को पलटने की मांग की।

समूहों ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो विरोध प्रदर्शन और तेज किया जाएगा।

सीकर के हर्ष पर्वत पर भी शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन हुए, जहां पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने अरावली के संरक्षण की मांग की।

एक प्रदर्शनकारी ने सवाल किया, “अगर लोगों को जबरन उनके घरों से निकाल दिया जाता है, तो वे कहां जाएंगे? इंसान तो आश्रय बना सकते हैं, लेकिन वन्यजीवों का क्या होगा?”

एनएसयूओ कार्यकर्ता जोधपुर में सड़कों पर उतर आए, जिनमें से कुछ अवरोधकों पर चढ़ गए।

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने अरावली को ‘राजस्थान के फेफड़े’ बताया।

उन्होंने अलवर में कहा कि कांग्रेस केंद्र सरकार की उच्चतम न्यायालय में अरावली पर्वतमाला को ‘पुनर्परिभाषित’ करने वाली रिपोर्ट के खिलाफ पूरे राज्य में अपने विरोध प्रदर्शन तेज करेगी।

उच्चतम न्यायालय ने पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के तहत एक समिति की अरावली की पहाड़ियों और पर्वतमाला की परिभाषा पर सिफारिशों को 20 नंवबर को स्वीकार कर लिया था, जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया।

कांग्रेस नेता और विशेषज्ञ दावा कर रहे हैं कि नई परिभाषा से कानूनी सुरक्षा नहीं मिलने के करण 90 प्रतिशत पर्वतमाला नष्ट हो जाएगी।

भाषा पृथ्वी जितेंद्र

जितेंद्र


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