रंग-बिरंगी रोशनी से रोशन राष्ट्रपति भवन का ये नजारा मन मोहता है
रंग-बिरंगी रोशनी से रोशन राष्ट्रपति भवन का ये नजारा मन मोहता है
नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस अभी एक हफ्ते दूर है, लेकिन राष्ट्रपति भवन की भव्यता में आप अभी से चार चांद लगा देख सकते हैं। राष्ट्रपति भवन इतना खूबसूरत नज़र आ रहा है, जिसकी खूबसूरती शब्दों में बयां नहीं कर सकते, बस निहार सकते हैं। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन की इस प्रकाशमय व्यवस्था का शुक्रवार को उदघाटन किया और फिर राष्ट्रपति भवन के ट्विटर हैंडल से इसकी भव्य तस्वीरें भी शेयर की।
In the run-up to Republic Day #PresidentKovind inaugurates the dynamic facade lighting of Rashtrapati Bhavan; 628 light fittings have been installed for illumination of the building pic.twitter.com/YLH6soal2O
— President of India (@rashtrapatibhvn) January 19, 2018
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रंग-बिरंगी रोशनी में नहाए राष्ट्रपति भवन की इस खूबसूरती को निखारने के लिए लाइटों की कुल 628 फीटिंग्स का इस्तेमाल किया गया है और इसका असर तो आप तस्वीरों में देख ही रहे हैं।
#WATCH Dynamic facade lighting of Rashtrapati Bhavan in Delhi #RepublicDay pic.twitter.com/k9npaqjb29
— ANI (@ANI) January 19, 2018
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इन 628 फिटिंग्स पर लेंसों का इस्तेमाल किया गया है। ये लेंस छोटी दूरी और बड़ी दूरी दोनों तरह की हैं। जयपुर कॉलम पर उकेरी कमल जैसी विशेष आकृतियों को उभारने के लिए बीम लेंस का उपयोग किया गया है। राष्ट्रपति भवन की भव्यता बढ़ा रही ये रोशनी ज्यादा दूर तक जाए, इसके लिए बड़े बीम लेंस का इस्तेमाल किया गया है।
President Ram Nath Kovind inaugurated the dynamic facade lighting of Rashtrapati Bhavan in the run up to #RepublicDay. pic.twitter.com/R3vEOQN4o9
— ANI (@ANI) January 19, 2018
इस तरह आप देख सकते हैं कि 69वें गणतंत्र दिवस पर रायसीना हिल्स स्थित राष्ट्रपति भवन की कितनी शानदार सजावट की गई है।
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आपको ये भी बता दें कि राष्ट्रपति भवन भारतीय संविधान लागू किए जाने यानी 26 जनवरी 1950 तक वायसराय हाउस के नाम से जाना जाता था। ब्रिटिश शासन के दौरान यहां गवर्नर जनरल रहा करते थे। दुनिया के किसी भी राष्ट्रपति भवन से ज्यादा विशाल भारत के राष्ट्रपति का ये सरकारी आवास है। खास बात ये है कि भारतीय राष्ट्रपति इस भवन के उस कक्ष में नहीं रहते, जहां गवर्नर जनरल रहा करते थे, बल्कि अतिथि कक्ष में रहते हैं। ये परंपरा प्रथम भारतीय गवर्नर जनरल चक्रवर्ती राजगोपालाचारी ने शुरू की थी, जब उन्हें पद संभालने के लिए यहां रहने आना पड़ा था, तो उन्हें लगा कि यह विलासिता सादगीपूर्ण जीवन जीने वाले भारतीय नागरिक के लिए अनुकूल नहीं है और वो अतिथि कक्ष में रहे। उनके बाद जितने भी राष्ट्रपति हुए, सभी ने इसी परंपरा का निर्वाह किया।
वेब डेस्क, IBC24

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