Repo Rate Hiked: रेपो रेट बढ़ने से आम जनता पर बढ़ेगा EMI का भार, आप ऐसे समझिए पूरा हिसाब

RBI hikes repo rate by 0.50 percent, now you will have to pay this much EMI: रेपो रेट बढ़ने से आम जनता पर बढ़ेगा EMI का भार, आप ऐसे समझिए हिसाब

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  • Publish Date - June 8, 2022 / 02:33 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:54 PM IST

EMI After Repo Rate Hike: नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) का रेपो रेट में बढ़ोतरी करने के फैसले से बढ़ती महंगाई पर तो लगाम लगेगा, लेकिन आम जनता का कर्ज बढ़ जाएगा। आज RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने MPC मीटिंग के फैसले की जानकारी दी की रेपो रेट में 0.50 फीसदी का इजाफा किया गया है। इसके बाद से रेपो रेट अब 4.40 फीसदी से बढ़कर 4.90 फीसदी हो गया है।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp  ग्रुप से जुड़ने के लिए Click करें*<<

बता दें पिछले महीने की 4 तारीख को RBI ने रेपो रेट में 0.40 फीसदी का इजाफा किया था। इसका आम जनता पर सीधा असर पड़ेगा। दरअसल, रेपो रेट बढ़ने से होम लोन (Home Loan), कार लोन (Car Loan), पर्सनल लोन (Personal Loan) की ईएमआई (EMI) बढ़ना तय माना जा रहा है। तो चलिए हम आपको समझाते हैं कि अगर अपने 20 साल के लिए 30 लाख रुपये का लोन लिया है, तो अब आपकी EMI कितनी बढ़ जाएगी।

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मौजूदा EMI

लोन अमाउंट: 30 लाख रुपये
लोन टेन्‍योर: 20 साल
ब्‍याज दर: 7.35% सालाना
EMI: 23,893 रुपये
कुल टेन्‍योर में ब्‍याज: 2,734,412 रुपये
कुल पेमेंट: 5,734,412 रुपये

रेपो रेट 0.50% बढ़ने के बाद संभावित EMI

लोन अमाउंट: 30 लाख रुपये
लोन टेन्‍योर: 20 साल
ब्‍याज दर: 7.85% सालाना (0.50% बढ़ने के बाद संभावित ब्‍याज)
EMI: 24,814 रुपये
कुल टेन्‍योर में ब्‍याज: 2,955,328 रुपये
कुल पेमेंट: 5,955,328 रुपये

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बैंकों के होम लोन MCLR और RLLR से लिंक्ड

रेपो रेट में बढ़ोतरी को लेकर RBI ने कुछ नियमों में बदलाव भी किया था। RBI के नियमों के अनुसार, अब बैंकों के होम लोन मार्जिनल कॉस्‍ट लेडिंग रेट (MCLR) और रेपो लिंक्‍ड लेडिंग रेट (RLLR) से लिंक्ड होते हैं। 2019 में रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों को कहा था कि वे नए होम लोन को एक्सटर्नल बेंचमार्क से लिंक करें, क्योंकि बैंक रिजर्व बैंक के रेपो रेट घटाने का पूरा फायदा ग्राहकों को नहीं दे रहे थे। बता दें, कोरोना महामारी के दौरान RBI ने डिमांड और ग्रोथ को बनाए रखने के लिए ब्‍याज दरों में 115 बेसिस प्‍वाइंट (मार्च 2020 में 0.75 फीसदी और मई 2020 में 0.40 फीसदी) की बड़ी कटौती की थी।

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