पंजाब के मुख्यमंत्री मान ने गुरबाणी का उल्लेख करते हुए किसानों से पराली नहीं जलाने का आग्रह किया |

पंजाब के मुख्यमंत्री मान ने गुरबाणी का उल्लेख करते हुए किसानों से पराली नहीं जलाने का आग्रह किया

पंजाब के मुख्यमंत्री मान ने गुरबाणी का उल्लेख करते हुए किसानों से पराली नहीं जलाने का आग्रह किया

:   Modified Date:  November 16, 2023 / 08:44 PM IST, Published Date : November 16, 2023/8:44 pm IST

लुधियाना, 16 नवंबर (भाषा) पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बृहस्पतिवार को पवित्र गुरबाणी के श्लोकों का उल्लेख करते हुए किसानों से पराली नहीं जलाने का आग्रह किया क्योंकि इसके कारण हवा में प्रदूषण बढ़ रहा है।

पंजाब में इन दिनों किसानों द्वारा पराली जलाने के काफी अधिक मामले सामने आ रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने लुधियाना में एक कार्यक्रम के दौरान पराली जलाने और पटाखे फोड़ने की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘हम अपनी ऑक्सीजन जला रहे हैं। धुआं सबसे पहले हमारे बच्चों के फेफड़ों में जाता है इसके बाद यह कहीं ओर जाता है।’’

मान की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब पंजाब में 15 सितंबर से बीते दो महीने में पराली जलाने की घटनाएं 30,000 का आंकड़ा पार कर गईं हैं।

अक्टूबर और नवंबर में राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण के स्तर में खतरनाक वृद्धि के पीछे पंजाब और हरियाणा में धान की पराली जलाने की घटनाओं को एक प्रमुख कारण माना जाता है।

मान ने गुरबाणी से ”पवन गुरु, पानी पिता, माता धरत महत” श्लोक को उद्धृत किया और बताया कि कैसे महान सिख गुरुओं ने वायु (पवन) को शिक्षक, जल (पानी) को पिता और भूमि (धरत) को माता के समान माना है।

उन्होंने किसानों से फसल अवशेष न जलाने का संकल्प ले गुरबाणी की शिक्षाओं को आत्मसात करने का आह्वान किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के लिए ठोस प्रयास किये जाने चाहिए, जिसके लिए प्रत्येक व्यक्ति को आगे आना चाहिए।

मान ने शहीद करतार सिंह सराभा के शहादत दिवस के अवसर पर एक राज्य स्तरीय समारोह में अपने संबोधन के दौरान कहा कि राज्य सरकार लुधियाना के हलवारा में बनने वाले अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम स्वतंत्रता सेनानी करतार सिंह सराभा के नाम पर रखेगी।

उन्होंने कहा कि सराभा भारत के सबसे कम उम्र के क्रांतिकारी थे जिन्होंने 19 साल की उम्र में अपने प्राणों की आहुति दे दी थी।

उन्होंने कहा कि शहीद करतार सिंह युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत रहे हैं।

भाषा रवि कांत पवनेश

पवनेश

 

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