सीएए पर विपक्षी नेताओं के बयानों के विरोध में शरणार्थियों का कांग्रेस कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन
सीएए पर विपक्षी नेताओं के बयानों के विरोध में शरणार्थियों का कांग्रेस कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन
( तस्वीर सहित )
नयी दिल्ली, 15 मार्च (भाषा) पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए हिंदू और सिख शरणार्थियों ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) को लेकर विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के नेताओं के द्वारा दिए गए बयानों के खिलाफ शुक्रवार को यहां कांग्रेस मुख्यालय के पास विरोध प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारियों ने हाथों में तख्तियां ले रखी थीं। उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी, सोनिया गांधी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ नारेबाजी भी की।
प्रदर्शनकारियों में से पंजूराम ने कहा, ‘‘जब भाजपा-नीत सरकार हमें नागरिकता देने के लिए सीएए लागू कर रही है तो अन्य विपक्षी पार्टियां इसका विरोध क्यों कर रही हैं? इस कानून का विरोध करने के लिए हम उनके खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं।”
पुलिस के अनुसार, प्रदर्शनकारी जैसलमेर हाउस के पास एकत्र हुए और उन्होंने अकबर रोड की ओर मार्च करना शुरू किया, लेकिन उन्हें पहले ही रोक दिया गया।
शरणार्थियों के विरोध को देखते हुए मध्य दिल्ली इलाके में पुलिस और अर्धसैनिक बल के जवानों को तैनात किया गया है।
पाकिस्तान के सिंध से भारत आई सोना दास ने कहा, ”सीएए का विरोध करना अच्छी बात नहीं है। पाकिस्तान से अल्पसंख्यक भारत में शरण के लिए आए हैं। दास ने ”जय श्रीराम” के नारे लगाते हुए कहा कि हम हिंदू शरणार्थी हैं, हम पाकिस्तान से भागे हैं।”
सिंध से आई एक अन्य शरणार्थी नानकी ने कहा, ”कुछ नेताओं ने हमारे खिलाफ बयानबाजी की है और नागरिकता देने की प्रक्रिया को रोकने के लिए कहा है। हमारी उनसे कोई दुश्मनी नहीं है। हम सिर्फ यह पूछने आए हैं कि हमें नागरिकता देने की प्रक्रिया को क्यों रोकना चाहिए?”
दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले हिंदू और सिख शरणार्थियों ने बृहस्पतिवार को यहां मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सिविल लाइंस स्थित आधिकारिक आवास के पास विरोध-प्रदर्शन किया था।
प्रदर्शनकारियों ने आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख से सीएए को लागू करने के खिलाफ की गई उनकी टिप्पणियों के लिए माफी की मांग की।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि केजरीवाल को सीएए और शरणार्थियों के खिलाफ अपने बयान वापस लेने चाहिए और माफी मांगनी चाहिए।
भाषा
प्रीति माधव
माधव

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