रूस-यूक्रेन युद्ध ने विभिन्न बलों के बीच एकीकरण की ताकत को प्रदर्शित किया : वायुसेना उप प्रमुख
रूस-यूक्रेन युद्ध ने विभिन्न बलों के बीच एकीकरण की ताकत को प्रदर्शित किया : वायुसेना उप प्रमुख
नयी दिल्ली, 19 जुलाई (भाषा) वायुसेना के उप प्रमुख एयर मार्शल ए.पी.सिंह ने शुक्रवार को कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध ने नभ, थल, जल, साइबर, सूचना एवं अंतरिक्ष में विभिन्न बलों के बीच एकीकरण को प्रदर्शित किया है और साबित किया है कि कैसे ‘‘एकजुट’’ होकर लक्ष्य को हासिल करते हैं।
दिल्ली में आयोजित सीएपीएस संगोष्ठी को संबोधित करते हुए एयर मार्शल ने यह भी कहा कि ‘आत्मनिर्भरता केवल एक शब्द नहीं है’, यह कुछ ऐसा है जिसमें सभी हितधारकों को अपना दिल और आत्मा लगाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रौद्योगिकियों और हथियारों का विकास और निर्माण भारत में हो, ‘‘ताकि हमें किसी बाहरी एजेंसी पर निर्भर न रहना पड़े जो समय आने पर अपना साथी बदल सकती है या हमारे देश में हथियारों का प्रवाह रोक सकती है’’।
थिंक टैंक द्वारा यहां सुब्रतो पार्क में वायु एवं मिसाइल रक्षा पर आयोजित संगोष्ठी प्रदर्शनी के दौरान कई वक्ताओं ने विश्व में चल रहे संघर्षों से सीखे गए विभिन्न सबक के बारे में भी चर्चा की।
एयर मार्शल ने कहा, ‘‘एक चीज तय है, अगर हमें कुछ करना है तो हमें मुकाबले में डटे रहना होगा, हमें आधुनिकीकरण करना होगा, हमें बढ़ना होगा, लागातार नवोन्मेष करना होगा और चुनौतियों से आगे रहना होगा। अन्यथा हम पिछड़ जाएंगे और बस पीछे पीछे चलेंगे।’’
उन्होंने कहा कि लोगों के सामान्य जीवन में भी तकनीकी उन्नति की तेज गति देखी जा रही है, उसने ‘‘हमारे हथियारों, रक्षा प्रणालियों में भी अपनी जगह बना ली है।’’
एयर मार्शल ने कहा कि जो कुछ साल पहले अकल्पनीय था वह आज एक हकीकत है। रक्षा बलों, युद्ध पर पड़ने वाले प्रभाव ने यह स्पष्ट कर दिया है कि ‘‘हमें अपने विचारों के साथ-साथ कार्यों में भी चुस्त और लचीला होना चाहिए।’’
वायुसेना उप प्रमुख ने कहा कि रूस-यूक्रेन संघर्ष, बहु-क्षेत्रीय युद्ध की चर्चा की जा रही है, ‘‘आज जो चल रहा है और भविष्य में हमारे सामने आने वाले संघर्षों का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस संघर्ष ने नभ, थल, समुद्र, साइबर, सूचना, अंतरिक्ष के क्षेत्रों में कई बलों के एकीकरण को भी प्रदर्शित किया है और यह भी दिखाया है कि वे लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए किस प्रकार एकजुट हैं। मुझे यकीन है कि यहां उपस्थित सभी लोग, जिनमें अन्य सेवाओं के मेरे मित्र भी शामिल हैं, इस बात से सहमत होंगे कि वायु क्षेत्र स्पष्ट रूप से एक विलक्षण ‘ट्रांस-डोमेन लिंक’ और सभी क्षेत्रों में एक मजबूत ताकत के रूप में उभरा है। यह सभी क्षेत्रों में बल के अनुप्रयोग का एक मजबूत तरीका है। यह न केवल सहूलियत देता है बल्कि एक की ताकत को भी कई गुना तक बढ़ा देता है।’’
वायुसेना उप प्रमुख ने इजराइल और हमास युद्ध का उल्लेख करते हुए हवाई क्षेत्र के महत्व को रेखांकित किया।
उन्होंने कहा कि यहां तक कि इजराइल-हमास संघर्ष के दौरान शहरी युद्ध संरचना में भी वायु क्षेत्र का बड़े पैमाने पर उपयोग किया गया। फिर चाहे लड़ाकू विमानों का उपयोग करना हो जिनमें अति आधुनिक हथियार हों या दुर्जेय आयरन डोम (वायु रक्षा) प्रणाली हो, या हमास द्वारा बहुत दुर्जेय और बहुत महंगी प्रणाली को चुनौती देने के लिए उपयोग किए गए कम क्षमता वाले रॉकेट हों।
एयर मार्शल सिंह ने यह भी कहा कि इस अत्यधिक सघन युद्धक्षेत्र में, ‘‘हमें उपलब्ध संसाधनों के इष्टतम और अभिनव उपयोग के लिए योजनाएं बनाने की आवश्यकता है। साथ ही हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि हम उन्नयन या खरीद के माध्यम से अपनी प्रणालियों में सुधार करें।’’
उन्होंने जोर देकर कहा कि आज की भूराजनीतिक स्थिति में ‘‘सबसे बड़ा सबक जो हमने सीखा है वह है आत्मनिर्भरता।’’
वायुसेना उप प्रमुख ने कहा कि कोई भी स्थायी दुश्मन या दोस्त नहीं है बल्कि स्थायी केवल हित है।
भाषा
धीरज नरेश
नरेश

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