न्यायालय माओवादियों को बरी करने के अदालत के आदेश के खिलाफ याचिका पर सुनवाई के लिए राजी |

न्यायालय माओवादियों को बरी करने के अदालत के आदेश के खिलाफ याचिका पर सुनवाई के लिए राजी

न्यायालय माओवादियों को बरी करने के अदालत के आदेश के खिलाफ याचिका पर सुनवाई के लिए राजी

:   Modified Date:  February 13, 2024 / 11:07 PM IST, Published Date : February 13, 2024/11:07 pm IST

नयी दिल्ली, 13 फरवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय पटना उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करने के लिए सहमत हो गया है, जिसमें बिहार के सारण जिले में 2007 में एक घर पर किये गये हमले में भाकपा (माओवादी) के पांच सदस्यों की दोषसिद्धि और उन्हें दी गयी सजा को निरस्त कर दिया गया था।

इस हमले में तीन लोगों की मौत हो गयी थी।

न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने इस मामले में बिहार सरकार और उन पांच आरोपियों को नोटिस जारी किया, जिन्हें पिछले साल 15 सितंबर को उच्च न्यायालय ने बरी कर दिया था।

याचिकाकर्ता मुकेश कुमार शर्मा की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अमित कुमार और अधिवक्ता उपेंद्र मिश्रा ने दलील दी कि उच्च न्यायालय ने 2018 में ट्रायल कोर्ट द्वारा सुनाई गई दोषसिद्धि और सजा के फैसले को गलत तरीके से रद्द कर दिया है।

कुमार ने कहा कि उच्च न्यायालय ने प्रत्यक्षदर्शियों की बात पर भरोसा न करके, जांच अधिकारी के बयान के आधार पर आरोपियों को बरी करने में गलती की है।

अधिवक्ता यूथिका पल्लवी की ओर से दायर अपील में कहा गया है, ‘‘उच्च न्यायालय को इस बात का विश्लेषण करना चाहिए था कि चरमपंथियों के हमले में तीन लोगों की मौत हो गई।’’

याचिका के अनुसार, प्रतिवादी (आरोपी) भीड़ का हिस्सा थे और अभियोजन पक्ष के दो गवाहों ने उनकी पहचान की थी। अभियोजन पक्ष के मुताबिक, 19 अगस्त 2007 को शाम करीब साढ़े सात बजे 50-60 लोगों की भीड़ ने सारण जिले के मकेर गांव में संबंधित घर पर हमला कर दिया था।

भाषा सुरेश आशीष

आशीष

 

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