कैलाश विजयवर्गीय और अन्य के खिलाफ जांच की स्थिति रिपोर्ट पेश करें: न्यायालय ने पश्चिम बंगाल से कहा

कैलाश विजयवर्गीय और अन्य के खिलाफ जांच की स्थिति रिपोर्ट पेश करें: न्यायालय ने पश्चिम बंगाल से कहा

Modified Date: April 23, 2025 / 02:21 PM IST
Published Date: April 23, 2025 2:21 pm IST

नयी दिल्ली, 23 अप्रैल (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को पश्चिम बंगाल सरकार को निर्देश दिया कि वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं कैलाश विजयवर्गीय, अर्जुन सिंह और अन्य के खिलाफ राज्य में दर्ज आपराधिक मामलों में जांच की स्थिति पर रिपोर्ट पेश करे।

न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा कि अपील 2020 में दायर की गई थीं और उसने राज्य को एक महीने के भीतर एक व्यापक हलफनामा दायर करने तथा जांच के चरण के बारे में सूचित करने का निर्देश दिया।

शीर्ष अदालत ने उन्हें प्राप्त अंतरिम संरक्षण भी अगली सुनवाई की तारीख 23 जुलाई तक बढ़ा दिया।

पीठ ने प्रश्न किया, ‘‘आप चाहते हैं कि जांच सीबीआई को सौंप दी जाए। क्या आपको यकीन है कि सीबीआई निष्पक्ष जांच करेगी?’’

याचिकाओं में पश्चिम बंगाल के कई पुलिस थानों में दर्ज प्राथमिकियों की जांच को स्थानांतरित करने का अनुरोध किया गया है।

पीठ ने कहा, ‘‘याचिकाएं वर्ष 2020 की हैं। इस अदालत ने पहले केवल याचिकाकर्ताओं को बलपूर्वक कार्रवाई से सुरक्षा दी थी, लेकिन कोई रोक नहीं लगाई गई थी। इसलिए, हम पश्चिम बंगाल राज्य को प्रत्येक मामले में जांच के चरणों को बताते हुए एक व्यापक हलफनामा दायर करने का निर्देश देते हैं।’’

विजयवर्गीय, अर्जुन सिंह, सौरव सिंह, पवन कुमार सिंह ने दावा किया था कि 2021 में विधानसभा चुनाव से पहले उन्हें राज्य में प्रवेश करने से रोकने के लिए उन पर आरोप लगाए गए।

तृणमूल कांग्रेस के नेता मुकुल रॉय, जो उस समय भाजपा में थे, भी इस मामले में याचिकाकर्ता हैं।

अर्जुन सिंह ने बताया कि 2019 में उनके खिलाफ छोटे मोटे अपराधों में 64 मामले दर्ज किए गए थे। अर्जुन सिंह के बेटे पवन सिंह के खिलाफ नौ मामले दर्ज किए गए।

भाषा शोभना वैभव

वैभव

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