न्यायालय ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायिक सेवा नियमों में संशोधन से जुड़ी याचिकाओं का संलग्न किया
न्यायालय ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायिक सेवा नियमों में संशोधन से जुड़ी याचिकाओं का संलग्न किया
नयी दिल्ली, 10 नवंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के जिला न्यायाधीश पद पर नियुक्ति से संबंधित नियमों में किए गए संशोधन को रद्द करने वाले आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को इसी तरह के एक मामले के साथ संलग्न कर दिया।
मध्य प्रदेश उच्चतर न्यायिक सेवा (भर्ती एवं सेवा शर्तें) नियम, 1994 में संशोधन के तहत उच्च न्यायालय को जिला न्यायाधीश (प्रवेश स्तर) के पदों को उस स्थिति में जिला न्यायालय के न्यायाधीशों से भरने की अनुमति दी गई जब लगातार दो परीक्षाओं में बार कोटा (अधिवक्ता कोटा) से उपयुक्त उम्मीदवार नहीं मिलते हैं।
न्यायमूर्ति एम.एम. सुंदरेश और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने कहा कि यह मुद्दा एक अन्य मामले के समान है, जिसमें भी उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी गई है।
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने अपने रजिस्ट्रार जनरल के माध्यम से उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर चार अप्रैल, 2025 के आदेश पर रोक लगाने का निर्देश देने की मांग की है।
अधिवक्ता अश्विनी दुबे के माध्यम से दायर याचिका के अनुसार, सात वर्ष से अधिक अनुभव वाले वकीलों के लिए निर्धारित कोटे से जिला न्यायाधीशों के चयन की अत्यंत कम संख्या की चुनौतीपूर्ण स्थिति को दूर करने के लिए यह संशोधन पेश किया गया था।
याचिका में कहा गया है कि 2011 से 2015 तक मध्य प्रदेश में कई भर्ती अभियानों में 304 रिक्तियां अधिसूचित की गईं, लेकिन केवल 11 वकील ही उपयुक्त पाए गए, इस प्रकार जिला न्यायाधीश (प्रवेश स्तर) के केवल 11 रिक्तियों को उपयुक्त वकीलों की सीधी भर्ती के माध्यम से भरा गया।
इसमें कहा गया, “यह उपयुक्त वकीलों की भर्ती के माध्यम से भरे जाने के लिए निर्धारित उपलब्ध पदों में से 3.61 प्रतिशत को भरने के समान है।”
भाषा प्रशांत माधव
माधव

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