अदालत ने पश्चिम बंगाल सरकार की ओबीसी आरक्षण अधिसूचना पर अंतरिम रोक लगाई

अदालत ने पश्चिम बंगाल सरकार की ओबीसी आरक्षण अधिसूचना पर अंतरिम रोक लगाई

अदालत ने पश्चिम बंगाल सरकार की ओबीसी आरक्षण अधिसूचना पर अंतरिम रोक लगाई
Modified Date: June 17, 2025 / 09:37 pm IST
Published Date: June 17, 2025 9:37 pm IST

कोलकाता, 17 जून (भाषा) कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा ओबीसी-ए और ओबीसी-बी श्रेणियों के तहत 140 उपवर्गों को आरक्षण के संबंध में जारी अधिसूचनाओं पर अंतरिम रोक लगाने का आदेश दिया।

न्यायमूर्ति तपब्रत चक्रवर्ती और न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की खंडपीठ ने 31 जुलाई तक अंतरिम रोक लगाते हुए निर्देश दिया कि राज्य सरकार द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणियों के संबंध में आठ मई से 13 जून के बीच जारी की गई कार्यकारी अधिसूचनाएं उस तिथि तक प्रभावी नहीं होंगी।

अदालत ने निर्देश दिया कि इसके परिणामस्वरूप होने वाले सभी कार्य भी 31 जुलाई तक स्थगित रहेंगे।

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अदालत ने मामले से जुड़े सभी पक्षों को निर्देश दिया कि वे इस बीच जनहित याचिका में ओबीसी श्रेणियों के तहत शामिल करने के उद्देश्य से नए मानक सर्वेक्षणों और अधिसूचनाओं को चुनौती देने के संबंध में अपनी दलीलों पर हलफनामा दाखिल करें।

राज्य सरकार ने कार्यकारी अधिसूचना के तहत ओबीसी-ए के अंतर्गत 49 उपधाराएं तथा ओबीसी-बी श्रेणी के अंतर्गत 91 उपधाराएं शामिल की हैं।

यह कहा गया है कि अधिक पिछड़े वर्ग के लोगों को ओबीसी-ए के अंतर्गत शामिल किया गया है, जबकि कम पिछड़े वर्ग के लोग ओबीसी-बी के अंतर्गत आते हैं।

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मई 2024 में पश्चिम बंगाल में कई वर्गों को 2010 से दिए गए ओबीसी दर्जे को रद्द कर दिया था और पाया था कि राज्य में सेवाओं और पदों में रिक्तियों के लिए इस तरह के आरक्षण अवैध हैं।

भाषा प्रशांत माधव

माधव


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