न्यायालय ने ऑटिज्म से पीड़ित व्यक्तियों के संरक्षण से जुड़ी याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया
न्यायालय ने ऑटिज्म से पीड़ित व्यक्तियों के संरक्षण से जुड़ी याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया
नयी दिल्ली, 15 दिसंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को केंद्र से उस याचिका पर जवाब मांगा जिसमें ऑटिज्म और अन्य बौद्धिक अक्षमताओं से पीड़ित व्यक्तियों की देखभाल, पुनर्वास और संरक्षण के लिए व्यापक दिशानिर्देश तैयार करने के वास्ते एक राष्ट्रीय विशेषज्ञ समिति के गठन का अनुरोध किया गया है।
न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ ने केन्द्र सरकार के दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग और अन्य को नोटिस जारी किए।
न्यायालय एनजीओ ‘हृदय सरस फाउंडेशन’ और अन्य द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था।
याचिका में केंद्र और अन्य संस्थाओं को प्रत्येक जिले में ऑटिज्म और अन्य बौद्धिक अक्षमताओं से ग्रस्त व्यक्तियों के लिए जनसंख्या-आधारित आवासीय सुविधाएं स्थापित करने और उनकी स्थापना, विनियमन एवं निगरानी के लिए व्यापक और बाध्यकारी मानक संचालन प्रक्रियाएं (एसओपी) तैयार करने के निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया था।
याचिका में यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि ‘‘देश भर में ऐसे व्यक्तियों की देखभाल, पुनर्वास और संरक्षण के लिए व्यापक दिशानिर्देश तैयार करने और अंतिम रूप देने के वास्ते ऑटिस्टिक व्यक्तियों, अभिभावक संघों, दिव्यांगता अधिकार विशेषज्ञों और चिकित्सा पेशेवरों के प्रतिनिधियों से युक्त एक राष्ट्रीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया जाए।’’
इसमें ऐसे संस्थानों के लिए अनिवार्य न्यूनतम मानक तैयार करने का अनुरोध किया गया है जिनमें उचित पोषण, सुरक्षित और स्वच्छ रहने की स्थिति, प्रशिक्षित देखभालकर्ताओं सहित पर्याप्त स्टाफ, आपातकालीन तैयारी और मनमानी शुल्क संरचना को रोकने के लिए वित्तीय लेनदेन में पारदर्शिता शामिल है।
याचिका में उच्चतम न्यायालय से ऐसे संस्थानों में दुर्व्यवहार, उपेक्षा या शोषण को रोकने के लिए नियमित ऑडिट, निगरानी और जवाबदेही तंत्र के लिए उचित निर्देश जारी करने का आग्रह किया गया है।
भाषा गोला शोभना
शोभना

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