न्यायालय ने निगरानी प्रणाली के खिलाफ दायर पीआईएल के स्थानांतरण की मांग वाली याचिका पर जवाब मांगा |

न्यायालय ने निगरानी प्रणाली के खिलाफ दायर पीआईएल के स्थानांतरण की मांग वाली याचिका पर जवाब मांगा

न्यायालय ने निगरानी प्रणाली के खिलाफ दायर पीआईएल के स्थानांतरण की मांग वाली याचिका पर जवाब मांगा

:   Modified Date:  October 24, 2023 / 03:58 PM IST, Published Date : October 24, 2023/3:58 pm IST

नयी दिल्ली, 24 अक्टूबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने निगरानी प्रणालियों को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका को शीर्ष अदालत में स्थानांतरित करने की याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा है। यह जनहित याचिका दिल्ली उच्च न्यायालय में लंबित है।

जनहित याचिका में दावा किया गया है कि केंद्रीकृत निगरानी प्रणाली (सीएमएस), नेटवर्क ट्रैफिक एनालिसिस (एनएटीआरए) और नेशनल इंटेलिजेंस ग्रिड (नेटग्रिड) जैसे निगरानी कार्यक्रमों द्वारा नागरिकों की निजता के अधिकार को ‘‘खतरे’’ में डाला जा रहा है।

न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने 10 अक्टूबर को केंद्र को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है।

पीठ ने गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) – सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (सीपीआईएल) और सॉफ्टवेयर फ्रीडम लॉ सेंटर (एसएफएलसी) द्वारा दायर स्थानांतरण याचिका को 10 नवंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।

सीपीआईएल और एसएफएलसी द्वारा दायर जनहित याचिका, जो उच्च न्यायालय के समक्ष लंबित है, में दावा किया गया है कि ये निगरानी प्रणालियां केंद्रीय और राज्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों को व्यापक स्तर पर दूरसंचार की निगरानी करने की अनुमति देती हैं, जो नागरिकों की निजता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है।

वकील प्रशांत भूषण के माध्यम से दायर याचिका में दलील दी गई है कि मौजूदा कानूनी ढांचे के तहत राज्य एजेंसियों द्वारा जारी निगरानी आदेशों की समीक्षा करने के लिए ‘‘अपर्याप्त निरीक्षण तंत्र’’ है।

भाषा

शफीक मनीषा

मनीषा

 

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