शादी का झांसा देकर यौन उत्पीड़न पर शुरुआत से ही अंकुश लगना आवश्यक : इलाहाबाद उच्च न्यायालय

शादी का झांसा देकर यौन उत्पीड़न पर शुरुआत से ही अंकुश लगना आवश्यक : इलाहाबाद उच्च न्यायालय

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  • Publish Date - December 27, 2025 / 12:06 AM IST,
    Updated On - December 27, 2025 / 12:06 AM IST

प्रयागराज, 26 दिसंबर (भाषा) इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक आदेश में कहा है कि शादी का झांसा देकर महिलाओं का यौन उत्पीड़न करने और बाद में उनसे शादी करने से मना करने के रुख पर अंकुश लगना आवश्यक है। इस तरह का रुख समाज में बढ़ रहा है और इस पर शुरुआत से ही रोक लगना जरूरी है।

इस टिप्पणी के साथ अदालत ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 69 (धोखे से यौन संबंध बनाना) सहित विभिन्न धाराओं के तहत आरोपी व्यक्ति की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी।

प्रशांत पाल नाम के व्यक्ति की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए न्यायमूर्ति नलिन कुमार श्रीवास्तव ने कहा, “मौजूदा मामले में, तथ्यों से पता चलता है कि याचिकाकर्ता का शुरू से ही धोखा देने का इरादा था और उसकी शादी करने की कोई मंशा नहीं थी।”

अदालत ने इस अपराध की प्रकृति पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए इसे समाज के खिलाफ गंभीर रुख बताया।

अदालत ने सहमति से रिश्ते बनाने के संबंध में याचिकाकर्ता के वकील की दलील खारिज करते हुए कहा, “याचिकाकर्ता ने शादी का झांसा देकर पीड़िता से कई बार संबंध बनाया। शादी के बहाने पीड़िता का यौन शोषण करना और बाद में शादी से इनकार करने का चलन समाज में बढ़ रहा है और इस पर शुरुआत से ही अंकुश लगना चाहिए।”

अदालत ने कहा, “यह समाज के प्रति एक गंभीर अपराध है और याचिकाकर्ता किसी तरह की नरमी का पात्र नहीं है। यद्यपि पीड़िता वयस्क है और वह अपने कार्यों के परिणामों से भलीभांति परिचित थी, फिर भी उसने याचिकाकर्ता पर पूरा भरोसा किया।”

इस मामले के तथ्यों के मुताबिक, याचिकाकर्ता ने पीड़िता को शादी का झांसा देकर उससे शारीरिक संबंध बनाए और उसका शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न किया। बाद में वह शादी से मुकर गया और किसी दूसरी महिला से सगाई कर ली। बाद में मामला दर्ज होने पर उसने गिरफ्तारी से रोक की मांग करते हुए यह याचिका दायर की।

सरकारी वकील ने याचिका का यह कहते हुए विरोध किया कि याचिकाकर्ता ने शादी का झांसा देकर पांच वर्षों तक पीड़िता के साथ शारीरिक संबंध बनाए रखा। साथ ही उसने अश्लील वीडियो वायरल करने की धमकी देकर उसका मानसिक शोषण भी किया।

भाषा

सं, राजेंद्र रवि कांत